
Rajasthan Hospital Safety: राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित सवाई मानसिंह अस्पताल (SMS Hospital) के एक ICU में आग लगने के बड़े हादसे में सरकार के मुताबिक 6 लोगों की मौत हुई है. इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. वहीं सरकार पर भी सवाल खड़े किये जा रहे हैं. वहीं जयपुर के इतने बड़े घटना के बाद राजस्थान के अन्य जिलों के अस्पताल में भी व्यवस्थाओं की लापरवाही देखी जा रही है. बांसवाड़ा जिला अस्पताल में अधिकारी जहां अग्निशमन की माकूल व्यवस्था का दावा कर रहे हैं. वहीं अस्पताल के ट्रोमा वार्ड में फायर सेफ्टी सिलेंडर खाली मिला है. जबकि इसकी जानकारी तक अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों को नहीं है.
बांसवाड़ा जिले के सरकारी अस्पताल महात्मा गांधी चिकित्सालय में बड़ी लापरवाही सामने आई है. जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रोमा सेंटर में लगी आग की घटना के बाद प्रदेशभर के अस्पतालों में अग्निशमन व्यवस्थाओं की समीक्षा शुरू हो गई है. लेकिन बांसवाड़ा के महात्मा गांधी चिकित्सालय में हालात कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं.

ट्रोमा वार्ड में लगा फायर सिलेंडर पूरी तरह खाली
बांसवारा में चिकित्सालय प्रबंधन जहां माकूल व्यवस्था होने का दावा कर रहा है, वहीं ट्रोमा वार्ड में लगा फायर सेफ्टी सिलेंडर पूरी तरह खाली मिला. इतना ही नहीं सिलेंडर पर रीफिल की तारीख तक मिट चुकी है, जिससे यह स्पष्ट है कि लंबे समय से इसे भरा ही नहीं गया था. पड़ताल के दौरान भले ही उस समय वार्ड में कोई मरीज नहीं था, लेकिन सुरक्षा का प्राथमिक साधन यानी फायर सिलेंडर खाली मिला. सिलेंडर पर लगे रीफिल स्टीकर पर एक्सपाईरी अप्रेल 2025 की अंकित है, पर इसे रीफिल कराने की जिम्मेदारी किसी ने नहीं निभाई.
महात्मा गांधी चिकित्सालय जिला मुख्यालय का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल है, जहां मेडिकल, सर्जरी, जनाना, शिशु, अस्थि, आंख सहित कई वार्ड और आईसीयू संचालित हैं. दैनिक रूप से सैकड़ों मरीज ओपीडी और आईपीडी सेवाएं लेते हैं. ऐसे में ट्रोमा वार्ड, जहाँ हादसों और गंभीर घायलों को भर्ती किया जाता है, सबसे संवेदनशील क्षेत्र माना जाता है.

डॉ दिनेश महेश्वरी
अधिकारियों ने कहा पता नहीं था
अस्पताल के ट्रोमा वार्ड में फायर सिलेंड के बारे में जब सीएमएचओ से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “अभी जानकारी नहीं थी, तुरंत इसे रीफिल कराएंगे. वहीं, महात्मा गांधी चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश माहेश्वरी ने कहा कि “अस्पताल में अग्निशमन के पुख्ता प्रबंध हैं. पिछले अप्रैल माह में परिसर के 89 सिलेंडरों को रीफिल कराया गया था.” लेकिन जब ट्रोमा वार्ड में खाली सिलेंडर मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा, “इसकी जानकारी नहीं थी. वार्ड प्रभारी से जानकारी लेकर सिलेंडर को तुरंत रीफिल कराया जाएगा.”
उन्होंने यह भी बताया कि जहां बिजली के तार या फायर सेफ्टी से जुड़ी तकनीकी समस्या है, उसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को पत्र लिखा गया है, और उनके निर्देशानुसार कार्य कराया जाएगा.
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