Banswara murder case: बांसवाड़ा में एक महिला को 'डाकण' कहने के मामले में उसके बेटों ने बड़े बेटे की हत्या कर दी. कलिंजरा थाना क्षेत्र के शंभूपुरा गांव की यह घटना है. कहासुनी के बाद विवाद इस कदर बढ़ा कि मामला मारपीट तक पहुंच गया. शंभूपुरा निवासी लक्ष्मण सोलंकी के 6 बेटे कालू, कमलेश, राकेश, विनोद, रविन्द्र (रवु) और हितेश सूरत (गुजरात) में साथ काम करते हैं. दीपावली मनाने के लिए गांव आए थे. 27 अक्टूबर की रात परिवार में कहासुनी हुई. उसी दौरान मां को ‘डाकण' कहने की बात को लेकर भाइयों में भयंकर विवाद हुआ. देखते ही देखते यह विवाद हिंसा में बदल गया, जिसमें बड़े भाई कालू की मौके पर ही मौत हो गई.
एफएसएल और एमओबी टीम ने किया निरीक्षण
सूचना मिलते ही थाना अधिकारी विक्रमसिंह मौके पर पहुंचे. एफएसएल और एमओबी टीम को बुलाकर घटनास्थल का निरीक्षण कराया. मामले में मृतक के भाई कमलेश की रिपोर्ट पर हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई. पुलिस ने चारों नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया और कोर्ट ने आरोपी विनोद, रविन्द्र, राकेश और हितेश के लिए रिमांड मंजूर कर दी.
मृतक की पत्नियों का आरोप- चर्च जाने का था विवाद
हालांकि इस मामले में एक ओर मोड़ आया. मृतक कालू की दोनों पत्नियों ने आरोप लगाए कि मामला मां को डाकन कहने का नहीं, बल्कि कालू को चर्च ले जाने को लेकर विवाद का था. जब उसने चर्च जाने के लिए मना किया तो उसके साथ मारपीट कर हत्या कर दी गई.
आरोपियों ने चर्च वाले आरोप को नकारा
हालांकि, आरोपियों ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा, "शरीर पर ॐ के टेटू बने हुए हैं. घर के द्वार पर गणेश भगवान के तोरण बंधे हैं और ध्वजा लहरा रही है. भाभी द्वारा चर्च ले जाने की बात पूरी तरह झूठी और अफवाह है." आरोपियों ने स्वीकार किया कि घटना के दौरान नशे की हालत में मां को डाकण कहने पर गुस्सा आया, जिसके चलते यह दुर्भाग्यपूर्ण वारदात हुई.
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