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तीन बहनों के इकलौते भाई की सड़क हादसे में मौत, 9 दिन तक अस्पताल में लड़ी जिंदगी की जंग 

राजस्थान के बांसवाड़ा में कुछ दिनों पहले दो बाइकों का भीषण एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें 5 लोग में से तीन युवकों ने मौके पर दम तोड़ दिया था. वहीं अब चौथे युवक ने भी दम तोड़ दिया है. 

तीन बहनों के इकलौते भाई की सड़क हादसे में मौत, 9 दिन तक अस्पताल में लड़ी जिंदगी की जंग 
युवक वीरेंद्र प्रजापत.

Rajasthan News: राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में बांसवाड़ा-जयपुर मार्ग पर सुरपुर-भगतपुरा के पास एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हो गया. 22 अक्टूबर की रात दो मोटरसाइकिलों की जोरदार टक्कर से पांच युवकों की जिंदगी दांव पर लग गई. पहले ही तीन युवकों ने मौके पर दम तोड़ दिया था. अब चौथे युवक वीरेंद्र प्रजापत की शुक्रवार सुबह उदयपुर के गीतांजलि अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. मात्र 22 साल के वीरेंद्र का जाना उसके परिवार के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं. तीन बहनों का इकलौता भाई और घर का सहारा खो चुका है यह गरीब परिवार.

नौ दिनों तक जिंदगी से लड़ी जंग

रात करीब साढ़े नौ बजे पेट्रोल पंप के पास हुई दुर्घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया. वीरेंद्र को सिर में गंभीर चोटें आईं. सबसे पहले उसे बांसवाड़ा जिला अस्पताल ले जाया गया. डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए उदयपुर रेफर कर दिया. वहां ब्रेन का ऑपरेशन हुआ. नौ दिनों तक वह वेंटिलेटर पर जिंदगी की लड़ाई लड़ता रहा. लेकिन शुक्रवार सुबह नौ बजे उसके सांसें थम गईं. परिजनों का कहना है कि हालत में कोई सुधार नहीं आया. इस हादसे ने एक बार फिर सड़क सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़

वीरेंद्र तीनों बहनों का इकलौता भाई था. वह कार्यक्रमों में डेकोरेशन का काम करके परिवार चलाता था. दो बड़ी बहनों की शादी हो चुकी है. सबसे छोटी बहन की अभी बारी बाकी है. पिता लंबे समय से बीमार चल रहे हैं. पहले वे मिट्टी के मटके बनाकर गुजारा करते थे. परिवार मूल रूप से कलिंजरा क्षेत्र के भोयन गांव का रहने वाला है. लेकिन अब वे सेनावासा में किराए के छोटे से कमरे में रहते हैं. वीरेंद्र की मौत ने सब कुछ उजाड़ दिया. मां पारी देवी और छोटी बहन कल्पना रो-रोकर बेहाल हैं. घर में सन्नाटा पसर गया है.

पांच लाख का खर्चा बढ़ा आर्थिक बोझ

रिश्तेदार कल्पेश प्रजापत ने बताया कि नौ दिनों के इलाज पर करीब पांच लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. तेजपुर निवासी कल्पेश ने परिजनों की मदद की कोशिश की लेकिन अब परिवार गहरे आर्थिक संकट में फंस गया. सहारा खो चुके इस परिवार को अब समाज की मदद की दरकार है. वीरेंद्र का जाना न सिर्फ भावनात्मक बल्कि आर्थिक तबाही भी लाया है.

पुलिस ने पूरा किया अंतिम संस्कार का इंतजाम

सदर थाना प्रभारी सीआई बुधाराम बिश्नोई ने पुष्टि की कि वीरेंद्र की मौत की खबर मिलते ही शव उदयपुर से बांसवाड़ा जिला अस्पताल की मोर्चरी लाया गया. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

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