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Rajasthan: जिस दुकान को बचाने के लिए नायब तहसीलदार को ACB से ट्रैप कराया, खसरा बदलकर जिला प्रशासन ने उसी पर चलाया बुलडोजर

राजस्थान में नायब तहसीलदार को रिश्वत लेते हुए ACB से पकड़वाना एक शख्स को भारी पड़ गया. करीब 1 साल बाद जिला प्रशासन ने उसकी 2 मंजिला दुकान को खसरा नंबर बदलकर जमींदोज कर दिया. अब शिकायत पर कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं.

Rajasthan: जिस दुकान को बचाने के लिए नायब तहसीलदार को ACB से ट्रैप कराया, खसरा बदलकर जिला प्रशासन ने उसी पर चलाया बुलडोजर
बारां में ACB ने रिश्वत पकड़ी, फिर भी दुकान क्यों तोड़ी गई?
NDTV Reporter

Rajasthan News: राजस्थान के बारां जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने जिस दुकान को नहीं तोड़ने के लिए रिश्वत लेते हुए नायब तहसीलदार को रंगे हाथ पकड़ा था, उसी दुकान को बाद में जिला प्रशासन ने खसरा बदलकर जमींदोज कर दिया. पीड़ित गिर्राज गोचर का आरोप है कि उसने खातेदारी के दस्तावेजों के आधार पर मौके की निष्पक्ष जांच की मांग की थी, लेकिन महीनों से दफ्तरों के चक्कर लगाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई. एसीबी ने भी दुकान तोड़े जाने से पहले और बाद में जिला कलेक्टर को मौका स्थिति जांच के लिए पत्र लिखा था, लेकिन कार्रवाई बिना जांच के कर दी गई.

क्या है पूरा मामला?

बारां जिले के मूंडला गांव में रहने वाले गिर्राज गोचर बताते हैं कि उनकी करीब 6-7 बीघा खातेदारी जमीन मुख्य सड़क से लगभग 100 फीट और नाले से करीब 50 फीट दूर है. सालों पहले उन्होंने इस जमीन पर दो मंजिला दुकान बनाई थी. एक व्यक्ति ने अतिक्रमण की शिकायत की. इसके बाद 1 अक्टूबर 2024 को सीसवाली नायब तहसीलदार कार्यालय से नोटिस जारी हुआ. गिर्राज ने दस्तावेज दिखाकर दुकान न तोड़ने की गुहार लगाई. इसी दौरान नायब तहसीलदार ने नोटिस खारिज करने और कार्रवाई रोकने के बदले रिश्वत मांगी.

ACB का ट्रैप, फिर भी बुलडोजर क्यों?

14 अक्टूबर 2024 को ACB बारां टीम ने अन्ता में नायब तहसीलदार को 8,000 रुपये रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया. एसीबी ने इस पूरे मामले की जानकारी तहसीलदार, एसडीएम और कलेक्टर को दी थी. पीड़ित का कहना है कि भ्रष्टाचार उजागर करने के बावजूद उसे राहत नहीं मिली. दुकान तोड़ दी गई और लाखों का नुकसान हुआ. गिर्राज का आरोप है कि रिश्वतखोरी पकड़े जाने के बावजूद प्रशासन ने निष्पक्ष मौके की जांच नहीं कराई.

खसरा बदला, कार्रवाई बदल गई

ACB चौकी बारां के डीएसपी प्रेमचंद मीणा के अनुसार, पहले खसरा नंबर 539 पर अतिक्रमण बताकर नोटिस जारी हुआ था, लेकिन बाद में खसरा नंबर 545 (गैर-मुमकिन नाला) पर अतिक्रमण बताते हुए दुकान तोड़ दी गई. मीणा ने बताया कि इस कार्रवाई से पहले और बाद में जिला कलेक्टर कार्यालय को मौके की जांच कराने के लिए पत्र लिखा गया था, लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला. सवाल ये है कि खसरा बदलने और गैर-मुमकिन नाला बताकर कार्रवाई करने से पहले जियो-रेफरेंस्ड साइट इंस्पेक्शन और रेवेन्यू रिकॉर्ड मिलान हुआ या नहीं?

कार्रवाई पर कलेक्टर ने क्या कहा?

बारां जिला कलेक्टर रोहिताश्व सिंह तोमर ने कहा कि जिसने अतिक्रमण हटाने पर आपत्ति जताई और निर्माण गलत तरीके से तोड़े जाने की शिकायत की—उस पर वर्तमान तहसीलदार को संपूर्ण मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं.

पीड़ित की मांग

गिर्राज गोचर का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने का गलत संदेश नहीं जाना चाहिए. उन्होंने मांग की है कि मामले की गहन जांच हो, मौका स्थिति का वैज्ञानिक तरीके से सत्यापन हो, और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.

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