 
                                            Barmer Drug smuggler: बाड़मेर में एक नाबालिग पिछले 3 साल से नशे का पूरा नेटवर्क हैंडल कर रहा था. एटीएस को चूना लगाकर उसने पाकिस्तान से होने वाली हेरोइन सप्लाई को पंजाब और दिल्ली पहुंचाया. इसके पिता नशे की तस्करी के मामले में जब जेल गए तो बेटे ने कमान थामी. वह पाकिस्तान से हेरोइन की खेपें बॉर्डर पर रिसीव करता था. इसके लिए बाकायदा कोड वर्ड का इस्तेमाल करता था. नशे की खेप मिलने पर वह कहता था- "कपड़ा आ गया, पंजाब-दिल्ली के मौसा को सौंपकर एक लाख का कमीशन काटा." किशोरावस्था की दहलीज पर खड़े बाड़मेर के गडरारोड इलाके के इस लड़के के दिमाग तो 'इंटरनेशनल ड्रग कार्टेल' की तरह ही कोई साजिश चल रही थी, जिसने इसे बेहद ही शातिर तरीके से अंजाम दिया.
पिता ऊंट चराने के बहाने करते थे तस्करी
IG विकास कुमार के मुताबिक, इस लड़के की बुआ की शादी 30 साल पहले पाकिस्तान में हुई थी. पहले पिता ऊंट चराने के बहाने तारबंदी पार पैकेट लूटते थे. वहीं, अब बेटा फोन पर 'सिलाई का पैसा लाओ' बोलकर सौदा पक्का करता था. हालांकि यह नशे का सामान कभी अपने पास नहीं रखता, बल्कि मध्यस्थ के तौर पर काम कर रहा था.
जैसलमेर से बीकानेर तक फैला हुआ था जाल
जैसलमेर से बीकानेर तक, इसका नेटवर्क फैला हुआ था. ATS को शक तब हुआ, जब गडरारोड के एक नंबर से पाकिस्तान में लगातार कॉल्स की बाढ़ आई. जांच में नंबर नाबालिग का निकला. इसके बाद आरोपी के झुंझुनूं में होने का इनपुट मिला, लेकिन वो फुर्र हो गया. इसके बाद कभी सीकर तो कभी जैसलमेर के नंबर बदलकर दिल्ली के इंडस्ट्रियल एरिया में छिपता रहा.
भागने की फिराक में था, एजेंसी ने धर-दबोचा
आखिरकार ANTF-ATS की जॉइंट टीम ने नीमराना की चाय दुकान पर इस नाबालिग को पकड़ा. 25 हजार का यह इनामी जांच एजेंसी की टीमों को देखकर भागने लगा, लेकिन बचने में कामयाब नहीं हुआ. इसके बाद आरोपी ने पूछताछ में कबूला कि वह खुद पाकिस्तान खुद गया और हेरोइन लाया. एजेंसियों को झांसा देता रहा कि सरगना पकड़वाऊंगा, जबकि अपना धंधा चमकाता रहा.
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