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राजकुमार रोत के गढ़ को ढहाने के लिए बीजेपी का बड़ा दांव, चौरासी विधानसभा में होगा रोचक मुकाबला!

भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) से अलग होने के बाद बाप पार्टी का दबदबा चौरासी सहित प्रदेश की करीब 15 विधानसभा क्षेत्र में नजर आने लगा है. चौरासी पर सत्ताधारी पार्टी बीजेपी के लिए चिंताजनक स्थिति है. वही, भारत आदिवासी पार्टी के गढ़ को ढहाने के लिए बीजेपी ने पूरी ताकत लगा दी है.

राजकुमार रोत के गढ़ को ढहाने के लिए बीजेपी का बड़ा दांव, चौरासी विधानसभा में होगा रोचक मुकाबला!

Adi Gaurav Samaroh in Mangarh Dham: राजस्थान में सात विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव की तारीख का ऐलान अभी तक नहीं हुआ है. लेकिन इन सीटों पर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. इन सीटों में एक सीट ऐसी है, जहां सत्ताधारी पार्टी बीजेपी (BJP) के लिए चिंताजनक स्थिति है. भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के गढ़ को ढहाने के लिए बीजेपी ने भी पूरी ताकत लगा दी है. आगामी 4 अक्टूबर को बांसवाड़ा स्थित मानगढ़ धाम में जनजाति विभाग की ओर से 'आदि गौरव समारोह' कार्यक्रम होगा. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शिरकत करेंगी. आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिहाज से इस कार्यक्रम को काफी अहम माना जा रहा है. 

बीजेपी के सामने चुनौती कम नहीं!

दरअसल, भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) से अलग होने के बाद बाप पार्टी का दबदबा  चौरासी सहित प्रदेश की करीब 15 विधानसभा क्षेत्र में नजर आने लगा है. खास बात यह है कि चौरासी में बीजेपी के लिए चुनौती मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस नहीं, बल्कि बाप ही है. पिछले 2 विधानसभा चुनाव के बाद इस साल के लोकसभा चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो बाप पार्टी की मजबूती का भी अंदाजा हो जाता है. दूसरी ओर, कांग्रेस के लिए यहां ज्यादा कुछ बचा नहीं है. बावजूद इसके लिए कांग्रेस बाप के साथ गठबंधन की बजाय अकेले लड़ने की बात कह रही है. 

महज 3.64% तक सिमट गया कांग्रेस का वोट बैंक

साल 2018 के विधानसभा चुनाव से लेकर नवंबर 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 में हुए लोकसभा के वोट शेयरिंग का आंकड़ा देखे तो बांसवाड़ा-डूंगरपुर सांसद राजकुमार रोत का वोट शेयर 38.22 से बढ़कर 57.30 फीसदी हो गया. जबकि बीजेपी का वोटिंग प्रतिशत 30.51 से घटकर 26.23 प्रतिशत तक हो गया. जबकि कांग्रेस का वोटबैंक 21.41 से गिरकर महज 3.64 फीसदी तक सिमट गया है. 

कभी बीटीपी तो कभी बाप से लड़े रोत, हर बार बीजेपी की दी शिकस्त

साल 2018 में विधानसभा चुनाव में भारतीय ट्राइबल पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार रोत को 64 हजार 119 वोट मिले थे. जबकि बीजेपी के प्रत्याशी सुशील कटारा को 51 हजार 185 वोट मिले थे. साल 2023 के विधानसभा चुनाव में राजकुमार रोत भारत आदिवासी पार्टी से चुनाव लड़े. इस दौरान उन्हें 1 लाख 11 हजार 150 वोट और बीजेपी प्रत्याशी सुशील कटारा को 41 हजार 984 वोट मिले थे. रोत ने बीजेपी प्रत्याशी को 69 हजार 166 वोट के अंतर से भारी मतों से शिकस्त दी.

कांग्रेस से बागी होकर बीजेपी से लोकसभा चुनाव लड़े थे मालवीया  

इस साल लोकसभा चुनाव में भारत आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार रोत को 8 लाख 20 हजार 831 वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस से बागी होकर महेंद्रजीत मालवीया ने बीजेपी से चुनाव लड़ा था और उन्हें 5 लाख 73 हजार 777 वोट मिले थे. अब चौरासी उप चुनाव में बीजेपी बाप पार्टी के गढ़ को ढहाना चाहती है तो वहीं, बाप भी अपने गढ़ की किलेबंदी को पूरी तरह से मजबूत करने में लगी हुई है. इन सबके बीच कांग्रेस अपना खोया जनाधार वापस पाने के इंतजार में है.

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