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भरतपुर के कोऑपरेटिव बैंक में हुई चोरी का पर्दाफाश, जेल में बैठकर 3 बदमाशों ने बनाया था प्लान

भुसावर बैंक की लूटपाट की जो रणनीति थी, वह जेल में रहकर बनाई थी और जेल से बाहर निकलने के बाद गूगल पर सर्च कर बैंक के स्थानों के बारे में जानकारी जुटाई.

भरतपुर के कोऑपरेटिव बैंक में हुई चोरी का पर्दाफाश, जेल में बैठकर 3 बदमाशों ने बनाया था प्लान
भरतपुर के कोऑपरेटिव बैंक में हुई चोरी का पर्दाफाश

Bharatpur News: राजस्थान के भरतपुर में कोऑपरेटिव बैंक में 5-6 दिसंबर की रात को तिजोरी काटकर हुई चोरी का पर्दाफाश हो गया है. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए एक ईको गाड़ी बरामद किया है. पकड़े गए सभी आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं. पुलिस के मुताबिक, तीनों की मुलाकात की जेल में हुई थी और तीनों ने जेल के अंदर ही बैंक में चोरी का प्लान बनाया था. बैंक की चोरी का मास्टरमाइंड पहले भी 6 कोऑपरेटिव बैंक में चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है और जेल में रहा. 

बंक से 8 लाख रुपये की हुई थी चोरी

पुलिस अधीक्षक मृदुल कच्छावा ने बताया कि 5-6 दिसंबर की मध्य रात्रि में भुसावर कस्बे में स्थित दी कोऑपरेटिव बैंक में 8 लाख 14 हजार 200 रुपए चोरी हो गए थे. घटना के बाद एक टीम गठित की गई. पुलिस टीम ने सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एक ईको गाड़ी की पहचान की, जो हरियाणा की थी. जब गाड़ी को ट्रेस किया गया तो वह हरियाणा के जींद की निकली. स्थानीय स्पेशल टीम जींद और करनाल के सहयोग से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया.

हरियाणा के रहने वाले सभी आरोपी

पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल एक गाड़ी को भी बरामद किया. तीनों आरोपियों से पूछताछ कर बैंक से चोरी की गई रकम को बरामद करने की कोशिश की जा रही है. इस वारदात को अंजाम देने वाले हरियाणा के जींद जिले के सफीदों शहर निवासी अमित उर्फ टाकन, वतन पुत्र राजकिशन, करनाल निवासी मक्खन पुत्र मिट्ठू सिंह को गिरफ्तार किया गया.

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मास्टरमाइंड पहले भी बैंक में कर चुका चोरी

आरोपी अमित उर्फ टाकन पहले भी दी कॉपरेटिव बैंक में 6 वारदातों को अंजाम दे चुका है और गिरफ्तारी हो चुकी है. आरोपी मक्खन के खिलाफ विभिन्न पुलिस थानों में 11 मामले दर्ज हैं, जिसमें से 9 नकबजनी के दर्ज हैं. भुसावर बैंक में जंगला और तिजोरी काटने का काम इसी ने ग्राइंडर से किया था. वतन महाजन के खिलाफ मारपीट का एक मामला दर्ज है. भुसावर बैंक की लूटपाट के लिए इसी का वाहन उपयोग में लिया गया था.

भुसावर बैंक की लूटपाट की जो रणनीति थी, वह जेल में रहकर बनाई थी और जेल से बाहर निकलने के बाद गूगल पर सर्च कर बैंक के स्थानों के बारे में जानकारी जुटाई. तीनों आरोपियों की मुलाकात जेल में ही हुई थी. पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि दी कोऑपरेटिव बैंक में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होते हैं, इसीलिए इन्हीं बैंकों को यह लोग टारगेट करते थे.

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