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Rajasthan के 7 जिलों में पिछड़ गया बीकानेर, इस मामले में जैसलमेर बन गया नंबर-1

Bikaner Air Traffic Decline: राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा शहर और सम्भागीय मुख्यालय होने के बावजूद बीकानेर 7 जिलों से पिछड़ गया है, और इस मामले में जैसलमेर नंबर-1 बन गया है.

Rajasthan के 7 जिलों में पिछड़ गया बीकानेर, इस मामले में जैसलमेर बन गया नंबर-1
प्रतीकात्मक तस्वीर.

Rajasthan News: बीकानेर के एयर ट्रैफिक (Bikaner Air Traffic) में इस साल लगातार गिरावट देखी जा रही है. पिछले साल के मुकाबले इस साल एयर ट्रैफिक में 78 फीसद और प्लेन की आवाजाही में 58.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. इन आंकड़ों के हिसाब से, राजस्थान के 7 जिलों में बीकानेर सबसे नीचे के पायदान पर है. बीकानेर के नाल एयरपोर्ट (Civil Airport Bikaner) से साल 2023-24 में सिर्फ 4 हजार, 694 मुसाफिरों ने सफर किया. जबकि साल 2022-23 में पैसेंजर्स का लोड 21 हजार 288 का रहा था.

जैसलमेर में सबसे ज्यादा इजाफा

इसी तरह से प्लेन की आवाजाही के आंकड़े भी नीचे आए हैं. वर्ष 2023-24 में इनकी संख्या 272 फेरों की थी. जबकि साल 2022-23 ये आंकड़ा 655 का था. बीकानेर के नाल एयरपोर्ट से वर्तमान में महज बीकानेर-दिल्ली की फ्लाइट ऑपरेट होती है. वहीं पैसेंजर लोड और प्लेन की आवाजाही में सबसे ज्यादा इजाफा जयपुर और जैसलमेर के एयरपोर्ट्स ने दर्ज करवाया है. जैसलमेर में साल 2022-23 में 99 हजार, 468 लोगों ने हवाई सफर किया था, जो साल 2023-24 में बढ़कर 1 लाख 35 हजार 529 हो गया. यानी यहां 36.6 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई. इसी तरह से प्लेन की आवाजाही में यहां 13.9 फीसद का इजाफा हुआ. साल 2022-23 में जयपुर एयरपोर्ट से 1270 जहाजों ने उड़ान भरी थी, जो साल 2023-24 में बढ़कर 1446 हो गई. वहीं जयपुर एयरपोर्ट से भी पैसेंजर लोड में 14.7 और प्लेन की आवाजाही में 9 फीसद की बढ़ोतरी दर्ज की गई. मगर, बीकानेर इन दोनों के मुकाबले ही नहीं बल्कि सात जिलों से पिछड़ गया.

सिर्फ दिल्ली रूट से कनेक्टिविटी

गौरतलब है कि बीकानेर के नाल एयरपोर्ट की स्थापना सन 1964 में हुई थी. लेकिन अफसोस की बात ये रही कि 60 सालों बाद भी यहां के एयर ट्रैफिक के हालात बेहतर नहीं हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह यहां की अवाम और सियासी उदासीनता है, जो विकास के नाम पर कभी एक जगह ना तो जमा होते हैं और ना ही कभी सियासत पर दबाव बनाया जाता है. रियासती हुकूमत के दौरान बीकानेर भारत के विकसित शहरों में शामिल था. लेकिन आजादी के बाद कमजोर राजनीतिक नेतृत्व के चलते लगातार पिछड़ता गया. राजस्थान का तीसरा सबसे बड़ा शहर और सम्भागीय मुख्यालय होने के बावजूद एयरपोर्ट पर रेगुलर फ्लाइट का ना होना अफसोस पैदा करता है. हाल ये है कि बीकानेर से दिल्ली के अलावा किसी भी रूट पर प्लेन की कनेक्टिविटी नहीं है. लम्बे अरसे से बीकानेर-जयपुर के बीच भी फ्लाइट बन्द पड़ी हुई है. हालांकि कुछ वक्त पहले एलायन्स एयर ने बीकानेर-जयपुर के बीच 17 जून से फ्लाइट शुरू करने की घोषणा की है. इस पर अमल कितना होगा ये अभी कहा नहीं जा सकता है. क्यूंकि जितनी घोषणाएं बीकानेर एयरपोर्ट को लेकर हुई हैं, उनमें से 10 फीसद भी पूरी नहीं हुई हैं.

'जगह की कमी सबसे बड़ा फैक्टर'

नाल एयरपोर्ट सलाहकार समिति के सदस्य और जाने-माने उद्योगपति कन्हैया लाल बोथरा का कहना है कि बीकानेर एयरपोर्ट को डिफेन्स एयरपोर्ट के पास बनाए जाने का फैसला भी गलत था. डिफेन्स एयरपोर्ट के पास सिविल एयरपोर्ट के लिए जगह भी कम मिली और सुरक्षा की दृष्टि से भी सिविल एयरपोर्ट का वहां होना ठीक नहीं है. छोटी जगह होने के कारण बड़े विमान भी वहां नहीं उतर सकते. इसलिए सरकार को चाहिए कि जयपुर रोड पर रायसर के आसपास या जोधपुर रोड पर बीकानेर देशनोक के आसपास जगह अलॉट करे और वहां सिविल एयरपोर्ट का निर्माण करे. ताकि वहां बड़े एयर क्राफ्ट भी उतर सकें और बीकानेर हवाई यात्रा के जरिए पूरे देश के साथ जुड़ सके.

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