
Rajasthan News: राजस्थान का एक ऐसा शहर जो अपनी मिठाइयों, नमकीन, और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए विश्व प्रसिद्ध है. वह अब रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के साथ और भी आकर्षक होने जा रहा है. बीकानेर का जूनागढ़ किला, गजनेर पैलेस, देशनोक का करणी माता मंदिर और रोमांचक कैमल सफारी हर साल हजारों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. वहीं अब रेलवे ने बीकानेर स्टेशन को ‘अमृत भारत स्टेशन' योजना के तहत 471 करोड़ रुपये की लागत से नया रूप देने का फैसला किया है. यह पुनर्विकास जिले में यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा.
नए स्टेशन की भव्य संरचना
उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशि किरण ने बताया कि महाप्रबंधक अमिताभ के नेतृत्व में बीकानेर स्टेशन का पुनर्विकास तेजी से चल रहा है. स्टेशन के मुख्य प्रवेश पर 26,000 वर्ग मीटर और द्वितीय प्रवेश पर 17,000 वर्ग मीटर में नई नौ मंजिला इमारतें बन रही हैं. वर्तमान में द्वितीय प्रवेश, बारात घर और स्टाफ क्वार्टर्स के लिए नींव का काम जोरों पर है. स्टेशन पर 16,000 वर्ग मीटर में सड़क और सर्कुलेटिंग एरिया, साथ ही 15,000 वर्ग मीटर में पार्किंग सुविधा विकसित की जाएगी.
यात्रियों के लिए शानदार सुविधाएं
यात्रियों को बेहतर अनुभव देने के लिए 3,530 वर्ग मीटर में 36 मीटर चौड़ा एयर कॉनकोर्स बनाया जा रहा है, जो सभी प्लेटफॉर्म और दोनों छोर की इमारतों को जोड़ेगा. इस क्षेत्र में दुकानें, कैफेटेरिया, फूड कोर्ट, पर्यटक सूचना केंद्र और एग्जीक्यूटिव लाउंज जैसी सुविधाएं होंगी. स्टेशन पर 41 लिफ्ट, 24 एस्केलेटर और दो नए फुट ओवर ब्रिज (1,700 और 1,475 वर्ग मीटर) बनाए जाएंगे. इसके अलावा, 16,000 वर्ग मीटर में प्लेटफॉर्म शेल्टर, अलग-अलग प्रवेश-निकास द्वार, आधुनिक वेटिंग रूम, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और उन्नत लाइटिंग की सुविधा होगी.
दिव्यांगजन और पर्यावरण के लिए विशेष ध्यान
दिव्यांगजनों के लिए अनुकूल सुविधाएं, संकेतक, शौचालय, बैगेज स्कैनर, मेटल डिटेक्टर और कोच गाइडेंस बोर्ड जैसी आधुनिक सुविधाएं भी स्टेशन पर उपलब्ध होंगी. पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रीन बिल्डिंग तकनीक का उपयोग किया जा रहा है. 1,200 केवीए क्षमता के सोलर पैनल, कचरा प्रसंस्करण, वर्षा जल संचयन और फायर फाइटिंग सिस्टम जैसी सुविधाएं स्थापित की गई हैं.
आने वाले 50 सालों की तैयारी
बीकानेर स्टेशन का पुनर्विकास अगले 50 सालों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. यह स्टेशन प्रतिदिन 80,000 यात्रियों की क्षमता के हिसाब से तैयार होगा. इससे न केवल यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे. यह परियोजना बीकानेर को पर्यटन और सामरिक दृष्टि से और मजबूत बनाएगी.
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