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बीकानेर में पानी का संकट, CM भजनलाल के दौरे पर जाते ही नहर में बढ़ गया पानी; अगले ही द‍िन से घटने लगा जल स्‍तर

Rajasthan News: कुछ दिन पहले सीएम भजनलाल शर्मा के दौरे के दौरान नहरों में पानी की मात्रा अचानक बढ़ गई थी, लेकिन उनके जाते ही यह घटकर आधा हो गई है.

बीकानेर में पानी का संकट, CM भजनलाल के दौरे पर जाते ही नहर में बढ़ गया पानी; अगले ही द‍िन से घटने लगा जल स्‍तर
Bikaner water Crisis

Bikaner water Crisis: राजस्थान के बीकानेर संभाग को आने वाले दिनों में पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. 8 अप्रैल को सीएम भजनलाल शर्मा के दौरे के दौरान नहरों में पानी की मात्रा अचानक बढ़ गई थी, लेकिन 9 अप्रैल उनके जाते ही यह घटकर आधा हो गई है. संभाग के आधे से ज्यादा जलाशयों खाली हो गए है. ऐसे में नहरबंदी की तारीख घोषित न होने से स्थिति और भी चिंताजनक होती जा रही है. जिसके कारण लोगों को अब सिर्फ रोजमर्रा की जरूरतों के लिए ही पानी मिल पाएगा.

 CM के दौरे के दौरान पानी का तेज था बहाव

दरअसल, सीएम ने हाल ही में श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ का दौरा किया था. इस दौरान नहरों में पानी का बहाव काफी तेज हो गया था. पंजाब-राजस्थान बॉर्डर पर पानी की मात्रा 3436 क्यूसेक तक पहुंच गई थी, जबकि आरडी-620 पर यह 2400 क्यूसेक था. लेकिन जैसे ही उनका दौरा खत्म हुआ, यह मात्रा तेजी से घटने लगी. बॉर्डर पर पानी 2900 क्यूसेक और आरडी-620 पर मात्र 800 क्यूसेक रह गया. नहर विभाग के अधिकारी इसे महज संयोग बता रहे हैं, लेकिन किसानों और स्थानीय लोगों को यह कुछ और ही लग रहा है.

फसल बर्बाद होने से किसान चिंतित

इस परेशानी में अपनी फसलों को सिंचाई के लिए पानी न मिलने से परेशान किसानों का कहना है कि अगर पानी की आपूर्ति इसी तरह कम होती रही तो उनकी फसलें बर्बाद हो जाएंगी . किसान नेता शिवदत्त सिग्गड़ ने कहा कि पानी का पूरा नियंत्रण भले ही राजस्थान सरकार के हाथ में न हो, लेकिन सीएम के आने और जाने के साथ पानी की मात्रा में इस तरह का बदलाव संदेह पैदा करता है.

 बीच अधर में अटकी नहरबंदी की तारीख

वहीं दूसरी तरफ हर साल होने वाली नहरबंदी की तारीख को लेकर भी अभी तक विभाग ने कोई जानकारी नहीं दी है. आमतौर पर 30 दिन की आंशिक और फिर 30 दिन की पूर्ण नहरबंदी होती है. इस बार पंजाब ने अभी तक आंशिक नहरबंदी की तारीख भी घोषित नहीं की है। जबकि, एक फरवरी से सिंचाई का पानी बंद होने के बाद से ही आंशिक नहरबंदी जितना ही पानी मिल रहा है, यानी अघोषित रूप से आंशिक नहरबंदी जारी है.

पौंग डैम भी है कारण

पानी की मात्रा में बदलाव के पीछे एक कारण पौंग डैम में चल रहे मरम्मत कार्य को भी बताया जा रहा है. डैम का जलस्तर लगातार कम किया जा रहा है, जिसके कारण वहां से ज्यादा पानी छोड़ा गया था. सोमवार को डैम का जलस्तर 1295.80 फीट था, जिसे 1292 फीट तक ले जाने की योजना है. हालांकि, सवाल यह उठता है कि अगर डैम खाली करना है तो अचानक ऊपर से पानी की आपूर्ति क्यों कम कर दी गई.नहर अधिकारी इस पूरे मुद्दे पर खुल कर कुछ नहीं कह रहे हैं. उनका कहना है कि पानी के कम या ज़्यादा मात्रा में होने से सीएम की विज़िट का कोई सम्बन्ध नहीं है. ये रूटीन प्रोसेस है.

फिलहाल, बीकानेर संभाग में पानी की कमी को लेकर चिंता का माहौल है. नहरबंदी की तारीख घोषित न होने और पानी की लगातार घटती मात्रा ने किसानों और आम लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं.

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