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बीसलपुर बांध लबालब, अगले 3 सालों तक इन तीन ज‍िलों में पानी की नहीं होगी कमी

 बीसलपुर बांध से 2025 में 130 टीएमसी से ज्यादा पानी की निकासी की जा चुकी है. 21 सालो में पहली बार जुलाई में गेट खोले गए थे. अब नवम्बर में भी पानी की निकासी होगी. 

बीसलपुर बांध लबालब, अगले 3 सालों तक इन तीन ज‍िलों में पानी की नहीं होगी कमी
बीसलपुर डैम का गेट फिर से खोल दिया गया है.

बीसलपुर बांध को जयपुर, अजमेर और टोंक की लाइफ लाइन कहा जाता है. पिछले 21 सालों से करोड़ों लोगों की प्यास बुझा रहा है.  बीसलपुर बांध अगले 3 से 4 सालों तक सामान्य मानसून में भी जनता की प्यास बुझाता रहेगा. 2025 का मानसून बीसलपुर बांध के लिए नया रिकॉर्ड बना द‍िया. साल 2004 में पहली बार जुलाई में गेट खोलकर पानी न‍िकाला गया था. अब 21 साल बाद 24 जुलाई को इस बांध के गेट खुले. 

नवंबर में होगी पानी की निकासी  

नवम्बर महीने में इस बांध के पानी की निकासी का रिकॉर्ड भी इस साल दर्ज होगा. बांध से पिछले 90 दिनों तक 130TMC से ज्यादा पानी की निकासी बनास में हो चुकी है.  अगले 10 से 15 दिनों तक बांध में पानी की आवक को देखते हुए पानी निकासी की संभावना है. 

24 जुलाई को खोला गया था गेट 

बीसलपुर बांध का गेट 24 जुलाई को खोल द‍िया गया था. 21 अक्टूबर को 89 दिनों तक पानी की निकासी किए जाने के बाद बंद कर दिया गया था, लेकिन बेमौसम बार‍िश के बाद बांध में हुई पानी की आवक के कारण मंगलवार को  फिर से बांध का गेट संख्या खोला गया. पहले 3 हजार क्यूसेक पानी और बाद में 12 हजार 20 क्यूसेक पानी की निकासी की गई , जो यथावत बुधवार को भी जारी है. बांध में त्रिवेणी बनास और अन्य सहायक नदियों से पानी की आवक निरंतर जारी है.  त्रिवेणी बनास नदी पर बुधवार को सुबह 3.70 मीटर का गेज चल रहा है. 

बीसलपुर बांध का गेट फिर से खोल दिया गया है.

बीसलपुर बांध का गेट फिर से खोल दिया गया है.

तीन जिलों में होती है पानी की सप्लाई

बीसलपुर बांध से रोज टोंक, जयपुर और अजमेर के लोगों को पेयजल की सप्लाई की जा रही है. करीब 1000 MLD पानी की खपत होती है, इससे बांध एक से डेढ़ सेंटीमीटर खाली होना चाहिए,लेकिन बांध का जलस्तर अक्टूबर के अंत में भी 315.50 के लेबल को छू रहा है. बांध में जलग्रहण क्षेत्रों में  हुई बारिश के पानी की आवक से 1 गेट खोलकर पानी की निकास जारी है.

बारिश सामान्य होने पर भी पानी की कमी नहीं होगी 

ऐसे में प्रबल संभावना बन गई  हैं कि इस बार गत साल के मुकाबले बांध अगला बारिश का सीजन आने तक कम ही खाली होगा. इस कारण पेयजल से लेकर सिंचाई तक के लिए बांध में किसी तरह की कोई कमी नहीं आएगी. बीसलपुर बांध परियोजना के एक्‍सईएन मनीष बंसल ने बताया कि संभावना है कि नवम्बर महीने के मध्य तक बांध का जलस्तर 315.50 मीटर तक बना रहेगा. पहले के मुकाबले अगले सीजन की बारिश होने तक बांध भी कम खाली होगा.

90 दिनों तक खुले रहे बांध के गेट  

बीसलपुर बांध लबालब होने पर 24 जुलाई को बांध का एक गेट खोला था. फिर पानी बढ़ा तो कुछ दिन बाद आठ गेट इस साल इसके खोले गए थे. जब पानी का आवक कम हुआ तो बाकी गेट बंद करके केवल एक ही गेट खोला गया.  पानी आवक काफी कम होने पर बांध का एक मात्र खोल रखे गेट को भी 90 दिन में बंद कर द‍िया गया. बीसलपुर बांध ने सबसे अधिक 90 दिन पानी निकासी का रिकॉर्ड भी बना लिया. इससे पहले 2019 ने 64 दिन तक  गेट खोलकर पानी की निकासी की गई थी. अब वह रिकॉर्ड टूट गया है, इसके अलावा इसी साल दो रिकॉर्ड लगातार दूसरे साल गेट खुलने और पहली बार जुलाई महीने में गेट खुलने का रिकॉर्ड बन चुके हैं. 

22 साल में 8वीं बार खुले गेट

अजमेर संभाग का सबसे बड़ा बीसलपुर बांध की कुल पानी की भराव क्षमता 38.708 टीएमसी (315.50 आरएल मीटर) है. इस बांध का निर्माण होने के बाद इसमें पहली बार 2004 में पानी रोका गया था, और पहली बार में ही पूरा भरकर छलक गया था. उसके बाद 2006, 2014, 2016, 2019, 2022, 2024, 2025 में यह बांध पूरा भरा और इसके गेट खोले गए. 

बांध का कितना पानी किसके लिए आरक्षित

बीसलपुर बांध प्रोजेक्ट के एक्सईएन मनीष बंसल ने बताया कि टोंक जिले में सिंचाई के लिए 8 टीएमसी पानी, पेयजल के लिए 16.2 टीएमसी पानी आरक्षित है. इसके अलावा 8.15 टीएमसी वाष्पीकरण और अन्य खर्च माना गया है. 

रोजाना 1000 एमएलडी खपत होता पानी

टोंक, अजमेर और जयपुर जिलों में पेयजल के लिए रोजाना करीब साढ़े नौ से एक हजार एमएलडी पानी इस बांध से जाता है, इससे तीनों जिलों के करीब दो हजार शहर समेत हजारों गांवों की करीब एक करोड़ से ज्यादा आबादी को पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है.

किस साल कितना बनास नदी में छोड़ा पानी

बीसलपुर बांध के गेट अब तक आठ बार खोले जा चुके हैं. पहली बार इसमें 2004 में पानी रोका गया था, और फुल भरने से पहली ही इसके गेट खोलकर 26.18 टीएमसी पानी निकासी की गई थी. इसी तरह फिर 2006 में 43.25 टीएमसी, 2014 में 11.202 टीएमसी, 2016 में 134.238 टीएमसी, 2019 में 93.605 टीएमसी, 2022 में 13.246 टीएमसी, 2024 में 31.433 टीएमसी और इस साल 129.56 टीएमसी पानी की निकासी बनास नदी में की गई है. 

बांध की भौगोलिक स्थिति

बीसलपुर बांध के 18 गेट हैं, जो 15 गुणा 14 मीटर की साइज के हैं. बांध की लंबाई 576 मीटर और समुद्रतल से ऊंचाई 322.50 मीटर है. बांध की कुल जल भराव में 68 गांव डूब चुके हैं, इसमें 25 गांव पूर्ण रूप से और 43 गांव आंशिक रूप से डूब क्षेत्र में आते हैं. बांध का जलभराव क्षेत्र 25 किलोमीटर है, जिसमें कुल 21 हजार 30 हेक्टेयर भूमि जलमग्न होती है.

82 हजार हेक्टेयर में होती बांध की नहरों से सिंचाई

बीसलपुर बांध के निर्माण के साथ ही इसके नहरी तंत्र का निर्माण भी 2004 में पूरा हुआ था. टोंक जिले में सिंचाई के लिए बांध की दायीं व बायीं दो मुख्य नहरें हैं. दांयीं नहर की कुल लंबाई 51 किलोमीटर व बायीं की लंबाई 18.65 किलोमीटर है, जिनसे जिले की 81 हजार 800 हेक्टेयर भूमि सिंचित होती है. दांयीं मुख्य नहर से 69 हजार 393 हेक्टेयर व बायीं से 12 हजार 407 हेक्टेयर भूमि पर सिंचाई कार्य होता है. बांध से अब तक 2004, 2005, 2006, 2007, 2011 से 2017, 2019, 2022, 2023 और 2024 में सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जा चुका है. अब इस साल भी बांध फुल भर गया है, इस साल भी किसानों को पानी मिलेगा. 

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