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बीजेपी का दावा- गहलोत करने वाले हैं 'राजस्थान कांग्रेस' में नया खेल, फिर निशाने पर सचिन पायलट!

बीजेपी की ओर से अशोक गहलोत के बयान को बताया जा रहा है कि वह फिर से कांग्रेस के अंदर कोई खेल करने वाले हैं. वहीं अशोक गहलोत के बयान को सचिन पायलट से जोड़कर देखा जा रहा है.

बीजेपी का दावा- गहलोत करने वाले हैं 'राजस्थान कांग्रेस' में नया खेल, फिर निशाने पर सचिन पायलट!
सुशील असोपा, अशोक गहलोत, सुरेश मिश्रा, सचिन पायलट

Rajasthan Politics: राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के लगातार आ रहे बयान को लेकर सियासत गरमा रही है. माना जा रहा है कि 4 जून को लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद राजस्थान कांग्रेस बड़ा उलटफेर हो सकता है. अशोक गहलोत ने हाल ही में सचिन पायलट को लेकर भी बयान दिया था जब जालोर कैंपेन की बात उठी थी. जिसमें पायलट के बयान को गहलोत ने बेवकूफी बताया था. वहीं हाल में उन्होंने कांग्रेस छोड़ कर गए नेताओं को नकारा, निकम्मा और गद्दार बताया. इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस के अंदर भी अवसरवादी नेताओं का जिक्र किया. इस बयान के बाद न केवल कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने वाले नेताओं ने मोर्चा खोला है, बल्कि कांग्रेस के अंदर सचिन पायलट (Sachin Pilot) के समर्थकों ने भी गहलोत के गुस्से का समर्थन नहीं किया है.

बीजेपी की ओर से अशोक गहलोत के बयान को बताया जा रहा है कि वह फिर से कांग्रेस के अंदर कोई खेल करने वाले हैं. वहीं अशोक गहलोत के बयान को सचिन पायलट से जोड़कर देखा जा रहा है. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले नेता सुरेश मिश्रा ने कहा है कि पायलट को पहले भी उलझाया था लेकिन अब उन्हें यह सब बंद कर देना चाहिए.

सुरेश मिश्रा ने गहलोत पर लगाए आरोप

सुरेश मिश्रा ने कहा, अपने सभी नेताओं को चोर, निकम्मा पता नहीं क्या-क्या बोलते हैं. उनका स्वभाव बन गया है कि वह ही सबसे ज्यादा काम करने वाले हैं. कभी सीपी जोशी के कंधे कभी सचिन पायलट की मेहनत पर तो कभी परसराम मदेरणा जी की मेहनत पर बैठकर उन्होंने राज तो हथीया लिया. लेकिन जब-जब उन्होंने काम नहीं किया जनता ने उन्हें नकार दिया. वहीं हार के बाद भी आलाकमान के भरोसेमंद बनकर बार-बार मुख्यमंत्री बन जाते हैं. ऐसे व्यक्ति से राजस्थान की जनता उब चुकी है. उनके डॉयलोग सुन-सुनकर उब चुकी है. मेरा मानना है कि उन्हें राजनीति से संन्यास ले लेना चाहिए. वह हमलोगों को नॉनपरफोरमेंस नेता बताना गलत है. जबकि हमने बहुत सारा काम किया. उनकी कुटनीति और षड्यंत्र के सामने कुछ चल नहीं सकता. इसलिए सचिन पायलट जैसे नेता जो पूरा राजस्थान में कांग्रेस को खड़ा करने वाले थे. उनको भी आपने राजद्रोह के मुकदमे में उलझाने की कोशिश किया. मेरा कहना है कि गहलोत को यह सब छोड़ देना चाहिए.

कांग्रेस नेता सुशील आसोपा ने क्या कहा

अशोक गहलोत के इस ग़ुस्से पर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव और पायलट समर्थक नेता सुशील आसोपा का मानना है कि सचिन पायलट को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी महत्व दे रहें हैं हो सकता है इस वजह से भी अशोक गहलोत ग़ुस्से में हो अब अगर वे समय के साथ तालमेल नहीं बिठा पाएँ तो इसमें उनकी कोई मदद नहीं कर सकता.

बहरहाल, इसमें कोई दो राय नहीं है कि राजस्थान कांग्रेस की सियासत में पिछले तीन दशक से अशोक गहलोत के इर्द गिर्द दिखी है. उनके बयान हमेशा सधे हुए और सटीक रहे हैं. लेकिन उम्र के इस पड़ाव पर आते आते वे चूकने लगे हैं. ग़ुस्सा होने लगे हैं नाराज़ भी होने लगे हैं और कैमरे के सामने ये सब दिखने भी लगा है. माना जा रहा है गहलोत का ये बयान पार्टी छोड़कर गए नेताओं के खिलाफ़ है लेकिन निशाना सचिन पायलट पर ही है. अगर ऐसा है तो गहलोत ने एक बार फिर से पायलट के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है यानी अब लोक सभा चुनाव के परिणाम तय करेंगे कि गहलोत पायलट इस जंग का अंजाम क्या होगा.

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