Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा की केंद्रीय समिति ने आज अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी. इस सूची में राजस्थान के 15 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं. इसी क्रम में नागौर से डॉ. ज्योति मिर्धा को उम्मीदवार बनाया गया है. इससे पहले भी भाजपा ने ज्योति मिर्धा को नागौर विधानसभा का प्रत्याशी बनाया था. लेकिन उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी हरेंद्र मिर्धा के सामने हार का सामना करना पड़ा था. भाजपा ने एक बार फिर ज्योति मिर्धा पर भरोसा जताते हुए उन्हें लोकसभा का उम्मीदवार घोषित किया है. ज्योति मिर्धा के साथ मिर्धा परिवार का नाम जुड़ा है, जो नागौर की राजनीति में बड़ा कद्दावर राजनीतिक परिवार माना जाता है.
भाजपा ने बार-बार बदला प्रत्याशी
यह लगातार तीसरा मौका है या यूं कहें कि चौथा मौका है, जब भाजपा ने नागौर में अपना प्रत्याशी बदला है. यह भी एक संयोग है कि लगातार तीन बार भाजपा प्रयाशियों के सामने चुनाव लडने वाली ज्योति मिर्धा ही थी, जिन्होंने कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था. फिलहाल अब ज्योति मिर्धा भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रही है.
बतौर कांग्रेस उम्मीदवार लड़ा लोकसभा का चुनाव
भाजपा ने साल 2009 में बिंदू चौधरी को उम्मीदवार बनाया था, जिन्हें कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में ज्योति मिर्धा ने हराया था. इसके बाद 2014 में ज्योति मिर्धा फिर कांग्रेस उम्मीदवार थी. लेकिन भाजपा ने पूर्व आईएएस अधिकारी सी आर चौधरी को मैदान में उतारा, जिन्होंने ज्योति मिर्धा को शिकस्त दी. 2019 में भाजपा ने आरएलपी से गठबंधन कर लिया और हनुमान बेनीवाल आरएलपी और भाजपा के संयुक्त उम्मीदवार बनें. इस दौरान भी बतौर कांग्रेस उम्मीदवार ज्योति मिर्धा ने चुनाव लड़ा, लेकिन दूसरी बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
विधानसभा चुनाव में थामा भाजपा का दामन
साल 2023 के अंत में हुए विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ज्योति मिर्धा ने पाला बदल लिया और भाजपा में शामिल हो गईं. इसके बाद भाजपा ने उन्हें नागौर विधानसभा सीट का प्रत्याशी बनाया, लेकिन फिर से उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा.
किससे होगा ज्योति का मुकाबला?
एक बार फिर भाजपा ने ज्योति मिर्धा पर दांव खेलकर नागौर लोकसभा सीट का प्रत्याशी घोषित किया है. हालांकि कांग्रेस ने अभी तक अपना प्रत्याशी घोषित नहीं किया है. ऐसे में अब यह देखना दिलचस्प होगा कि ज्योति मिर्धा का मुकाबला किससे होगा और भाजपा का ज्योति मिर्धा को प्रत्याशी बनाने का दांव कितना सफल होता है.
बदल सकते हैं राजनीतिक समीकरण
ज्योति मिर्धा को भाजपा द्वारा प्रत्याशी बनाने से नागौर लोकसभा के राजनीतिक समीकरण पूरी तरह से बदलने की संभावना है. परंपरागत रूप से मिर्धा परिवार को कांग्रेसी ही माना जाता है. अब तक उनका जुड़ाव कांग्रेस की पृष्ठभूमि से ही रहा है, मगर ज्योति मिर्धा का भाजपा में जाना और फिर उन्हें भाजपा प्रत्याशी बनाया जाना बड़े राजनीतिक उथल-पुथल की ओर इशारा करता है.
दिग्गज मिर्धा परिवार है ताकत
आपको बता दे की डॉक्टर ज्योति मिर्धा नागौर जिले की कद्दावर जाट नेता है. वे नागौर के बड़े राजनीतिक घराने मिर्धा परिवार से ताल्लुक रखती हैं. उनके दादा नाथूराम मिर्धा बड़े प्रभावशाली जाट नेता रह चुके हैं और कई सरकारों में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. नाथूराम मिर्धा 4 बार विधायक और छह बार लोकसभा सांसद रहे. नाथूराम मिर्धा राजस्थान के प्रसिद्ध राजनेताओं में से एक रहे हैं.
जाट वोटों को साधने का प्रयास
दरअसल नागौर में मिर्धा परिवार की वजह से और जाट वोटों का कांग्रेस की तरफ अधिक झुकाव होने से यहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत रही है. लेकिन पिछले दो लोकसभा चुनाव की बात करें तो यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ही करिश्मा था कि 2014 में भाजपा को और 2019 में भाजपा-आरएलपी गठबंधन को जीत मिली थी.
बेनीवाल ने तोड़ा गठबंधन बीजेपी ने खेला दांव
इसके बाद भी नागौर में भाजपा को भी एक ऐसे जाट नेता की तलाश थी, जो नागौर के जाट मतदाताओं को भाजपा के पक्ष में ला सके. इसके लिए भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल से गठबंधन किया था, जिसे हनुमान बेनीवाल तोड़ चुके हैं. इसलिए विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने बड़ा दांव खेला और ज्योति मिर्धा को भाजपा में शामिल कर लिया है.