
Bhilwara News: गंगा जमुना तहजीब की मिसाल भीलवाड़ा के आसींद उपखंड में देखने को मिली है. भीलवाड़ा के आसींद के कटार ग्राम पंचायत में शमशान घाट की जमीन को लेकर लोग परेशान थे. इस बीच अंत्योदय सम्बल पखवाड़ा के तहत एक मुस्लिम परिवार ने हिंदू समाज के मृतक व्यक्तियों के अंतिम संस्कार के लिए जमीन दान करके एक मिसाल पेश की है. मुस्लिम परिवार के जमीन दान करने पर कटार व आस पास के क्षेत्र में चर्चा बन गई हैं.
कटार गांव के निवासी बशीर मोहम्मद ने सार्वजनिक उपयोग के लिए अपनी निजी कृषि भूमि में से 1900 वर्गमीटर जमीन श्मशान भूमि के रूप में समर्पित कर ग्रामीणों को दान दी है.
लोगों ने मुस्लिम परिवार का साफा पहना कर दिया स्वागत
बशीर मोहम्मद ने तहसीलदार आसींद को एक प्रार्थना पत्र सौंपते हुए अपनी खातेदारी भूमि से 1900 वर्गमीटर गैर मुमकिन श्मशान के रूप में देने की इच्छा जताई. उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया है कि इस भूमि को राजस्व रिकॉर्ड में श्मशान के रूप में बिलानाम दर्ज किया जाए ताकि भविष्य में ग्रामवासियों को अंतिम संस्कार के दौरान जमीन के लिए भटकना ना पड़े.
इस दौरान कटार सरपंच रेखा हरीश तिवाडी ने बशीर मोहम्मद का तिलक लगाकर माल्यार्पण कर धन्यवाद ज्ञापित किया. इस दौरान सूर्यपाल सिंह राठौड़,शंकरलाल तिवारी,रामपाल शर्मा,गोवर्धन लाल तिवारी,शोभा लाल रेगर चिरंजीवी ब्यावर सहित ग्रामीण मौजूद रहे.
यह भी पढ़ें - अजमेर में दिनदहाड़े लेक्चरर की पत्नी से चैन स्नैचिंग, बदमाशों में नहीं पुलिस का डर, CCTV में कैद हुई वारदात