Rajasthan News: सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने भारत-पाकिस्तान और भारत-बांग्लादेश सीमाओं पर 600 से अधिक 'संवेदनशील क्षेत्रों' को सुरक्षित बनाने के लिए एक विशेष इलेक्ट्रॉनिक निगरानी परियोजना शुरू की है, जिसमें उन क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा, जहां बाड़ लगाना संभव नहीं है. बीएसएफ के 60वें स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बल के महानिदेशक (DG) दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि नदियों और अन्य भौगोलिक चुनौतियों के कारण 4069 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा में से लगभग 800 किलोमीटर क्षेत्र में बाड़ नहीं लगी है.
'अमित शाह ने दिए थे निर्देश'
पिछले साल दिसंबर में झारखंड के हजारीबाग में बीएसएफ स्थापना दिवस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से लगीं भारत की दो सबसे महत्वपूर्ण सीमाएं अगले दो वर्षों में पूरी तरह सुरक्षित बना दी जाएंगी. चौधरी ने कहा कि बीएसएफ जवानों को सख्त निर्देश दिया गया है कि देश के पश्चिमी हिस्से में गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू से लगी 2289 किलोमीटर लंबी भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर कोई घुसपैठ नहीं होनी चाहिए.
'ड्रोन ढूंढेगा खुफिया सुरंग'
कश्मीर में बीएसएफ नियंत्रण रेखा (LoC) की सुरक्षा के लिए सेना के अधीन काम करती है. पाकिस्तान और बांग्लादेश सीमा पर संवेदनशील क्षेत्रों की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी की जा रही है. बीएसएफ के अनुसार दोनों अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के 484 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करते हुए कुल 635 संवेदनशील क्षेत्रों को सुरक्षित बनाया जा रहा है. चौधरी ने कहा कि भारत-पाकिस्तान सीमा पर 'बहुत कम' ऐसा क्षेत्र है जहां बाड़ नहीं लगी है. उन्होंने कहा, 'हम जम्मू और पंजाब के सीमावर्ती क्षेत्रों में ड्रोन को पता लगाने वाले रडारों का उपयोग कर रहे हैं. ताकि उन भूमिगत सुरंगों का पता लगाया जा सके और उन्हें नष्ट किया जा सके जिनका उपयोग आतंकवादी पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ के लिए करते हैं.'
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