Rajasthan News: बूंदी नगर परिषद की बोर्ड बैठक में बुधवार को जमकर हंगामा देखने को मिला. बूंदी के विकास के लिए 280 करोड़ रुपये का हुडको से लोन लेने के प्रस्ताव पर कांग्रेस नेताओं और पार्षदो ने इसे स्थानीय नेताओं की नाकामी बताया. कांग्रेस के पार्षदों ने लोन लेने पर आपत्ति जताते हुए इसे राज्य सरकार से अनुदान के रूप में लेने की मांग की. इस दौरान दोनों ही पार्टी के पार्षदों के बीच तीखी बहस देखने को मिली. बोर्ड बैठक में कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा के बोलने के दौरान कुछ भाजपा पार्षदों ने उनका विरोध किया. इस पर हरिमोहन शर्मा ने भड़क गए और सदन छोड़ने की चेतावनी दे दी.
कर्ज में डुबोकर कराया जा विकास?
कांग्रेस विधायक हरिमोहन शर्मा ने हुडको से लोन लेने पर अपनी आपत्ति जताते हुए कहा कि केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार है. यहां तक की सभापति भी भाजपा का ही है, उसके बावजूद 280 करोड रुपए हुडको से लोन लेना पड़ रहा है. कांग्रेस विधायक ने कहा बूंदी को कर्ज में डुबोकर किस तरह का विकास करवाया जा रहा है? यह सोच से परे है. विकास के लिए 280 करोड रुपए की राशि कर्ज के रूप में ना लेकर राज्य सरकार से इस राशि को अनुदान के रूप में लिया जाना बेहतर होगा. जिससे बून्दी की जनता पर 280 करोड रुपए का भार नहीं पड़ेगा.
4 माह बाद हुई बोर्ड बैठक में मौजूद पार्षदों ने शहर में जनहित के कार्यों को लेकर अपनी अपनी बात रखी. कांग्रेस पार्षद प्रेम प्रकाश एवरग्रीन ने पिछले कई माह से आमजन के रुके पड़े पट्टों को देने की मांग की. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के द्वारा लोगों को पट्टे देने के आदेश दिए जा चुके हैं, उसके बाद भी नगर परिषद के अधिकारी कर्मचारी लोगों को पट्टे नहीं दे रहे हैं. इसी बीच भाजपा के अन्य पार्षदों ने हंगामा करते हुए बैठक में केवल तय विषय पर चर्चा करने की मांग की. वरिष्ठ कांग्रेसी पार्षद टीकम जैन ने भी 280 करोड़ रुपए का कर्ज़ लेकर शहर के विकास की बात को गलत बताया.
मधु नुवाल पर नेता प्रतिपक्ष का भ्रष्टाचार का आरोप
नेता प्रतिपक्ष मुकेश माधवानी ने तत्कालीन सभापति मधु नुवाल पर भ्रष्टाचार के खुले आरोप लगाए. माधवानी ने कहा कि व्याप्त भ्रष्टाचार के मामले में राज्य सरकार द्वारा सभापति को निलंबित किया गया है. तत्कालीन आयुक्त जोधाराम विश्नोई के समय विद्युत विभाग और सफाई विभाग में लाखों रुपए के फर्जी बिलों का भुगतान हुआ है, जिसकी जांच वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा करवाई जा रही है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि तत्कालीन सभापति के तमाम भ्रष्टाचार के मामले उन्होंने ही सरकार तक पहुंचाये हैं, इसके बाद सभापति का निलंबन किया गया है. ऐसे सभापति और आयुक्त जेल में होना चाहिए.