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5 साल की उम्र में ऊंटों की BSF में होती है भर्ती, 16 साल में हो जाते हैं र‍िटायर; बर्थ सर्टिफ‍िकेट के ब‍िना ऐसे परखी जाती है Age

पश्चिमी राजस्थान में जैसलमेर, बाड़मेर और बीकानेर से सीमा सुरक्षा बल के अधिकारी ऊंट खरीदते हैं, इसके बाद उनको ट्रेन‍िंग देते हैं.

5 साल की उम्र में ऊंटों की BSF में होती है भर्ती, 16 साल में हो जाते हैं र‍िटायर; बर्थ सर्टिफ‍िकेट के ब‍िना ऐसे परखी जाती है Age
पांच साल की उम्र में ऊंटों की बीएसएफ में भर्ती होती है.

देश की सरहदों का जिम्मा लिए सीमा सुरक्षा बल के जवान इंटरनेशनल बॉर्डर पर तैनात रहते हैं. कहीं ऊंची पहाड़ी इलाका है तो कहीं र‍ेग‍िस्‍तान इलाका. रेगिस्तानी इलाकों में सीमा पर BSF के जवानों के साथ ऊंट एक अहम साथी के रूप में कार्य करते हैं. BSF में जवानों की तरह ऊंटों की भी भर्ती की जाती है.

ऊंट BSF का भरोसेमंद साथी 

सीमा सुरक्षा बल के ट्रेनिंग सेंटर ग्‍वाल‍ियर से रिटायर आईजी पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि कैमल का BSF में बड़ा महत्व है. BSF के लिए ऊंट केवल परिवहन मात्र नहीं है. ऊंट सुरक्षा और गश्त के ल‍िए बीएसएफ के जवानों का भरोसेमंद साथी है. ऊंटों की मदद से रेगिस्तान के उन इलाकों में भी गश्त संभव होती है, जहां गाड़ियां या अन्य वाहन आसानी से नहीं पहुंच सकते. इन पर जवान हथियार, संचार उपकरण और अन्य सामान लेकर लंबी दूरी की गश्त करते हैं. इतना ही नहीं, अच्छी नस्ल के सुंदर और आकर्षक ऊंटों का उपयोग BSF द्वारा गणतंत्र दिवस परेड में भी उपयोग लिया जाता है.

बीएसएफ के जवान ऊंटों पर बॉर्डर पर गस्त करते हैं.

बीएसएफ के जवान ऊंटों पर बॉर्डर पर गस्त करते हैं.

कई मापदंड पर होती है खरीदारी 

रिटायर आईजी पुष्पेंद्र सिंह ने बताते हैं कि BSF में जब ऊंट की खरीद की जाती है तो उसके कई मापदंड होते हैं. विशेषकर राजस्थान के जैसलमेरी, बाड़मेरी और बीकानेरी ऊंटों की खरीद की जाती है. क्योंकि, जैसलमेरी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है, बाड़मेरी ऊंट का स्टैमिना अच्छा होता है और बीकानेरी ऊंट सामान ढोहने की क्षमता अधिक होती है. हालाकि, सभी नस्लों के ऊंटों को समान ट्रेनिंग देकर तैयार किया जाता है.

कद-कांठी और मेडिकल चेकअप होता है  

पुष्पेंद्र सिंह ने बताते हैं कि ऊंट को खरीदते वक्त ऊंट की उम्र, स्वास्थ्य, कद-काठी को देखा जाता है. BSF में खरीदने वाले ऊंट 4 से 5 वर्ष के होते हैं. उनकी उम्र का अंदाजा उनके दांतों से लगाया जाता है. 2 से 4 दांत वाला ऊंट करीब 4 से 5 वर्ष का होता है. ऊंट के दांत चार से अधिक होना का अर्थ है कि उस ऊंट की उम्र अधिक है. इसके साथ ही ऊंट की कद-काठी को भी मापा जाता है.

कद छोटा होने पर नहीं खरीदा जाता है 

अगर ऊंट का कद छोटा है तो उसे नहीं खरीदा जाता. ऊंट के सिर से लेकर पूछ तक की लंबाई को भी नापी जाती है. इतना ही नहीं, ऊंट स्वस्थ है या नहीं. उसे कोई बीमारी तो नहीं है. यह जांचने के लिए पहले तो ऊंट के घुटने जुड़ तो नहीं गए, वो शारीरिक रूप से स्वस्थ है. इसकी जांच की जाती है. साथ ही ऊंट के मल की भी मेडिकल जांच की जाती है. इसके बाद ऊंट अगर सभी मायनों में स्वस्थ होता है, तो उसे मेडिकली फिट माना जाता है. यह सारी जांचे BSF के वेटेनरी डॉक्टर्स करते हैं. ऊंटों की खरीद के वक्त बॉर्ड ऑफ ऑफिसर्स होता है वो इन तमाम बातों को ध्यान में रखकर ऊंटों को खरीदता है.

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ट्रेनिंग में अनुशासन सिखाया जाता है   

पुष्पेंद्र सिंह ने बताते हैं कि ऊंट की खरीद के साथ ही उनकी BSF में भर्ती हो जाती है. जिसके बाद इन ऊंटों को ट्रेनिंग दी जाती है. ट्रेनिंग में गश्त के दौरान अनुशासन, बोझ उठाना, रेत में चलना, और आदेश मानना सिखाया जाता है. ट्रेनिंग के दौरान ट्रेनर्स को अगर कोई ऊंट टैलेंटेड या काबिल लगता है तो उसे कैमल टेटू शो में करतब दिखाने वाले ऊंटों में शामिल करने के लिए जोधपुर भेज दिया जाता है. सुंदर, आकर्षक और बेहतरीन चाल वाले ऊंटों को गणतंत्र दिवस परेड के लिए चयनित किया जाता है. इन ऊंटों का नाम उनके खरीदारी करने वाले अधिकारी के नाम के पहले अक्षर के साथ नंबर जोड़कर रखा जाता है. जैसे पुष्पेंद्र सिंह ने ऊंट को खरीदा है और 100 मे से 60वें नंबर पर खरीदा गया था तो उसका नाम "P - 60" होगा.

10 साल की सेवा के बाद होते हैं रिटायर 

BSF में ऊंटों की सेवा अवधि लगभग 10 साल है. ऊंटों की भर्ती करीब 5 साल की उम्र में होती है, और 16 वर्ष की उम्र में उन्हें रिटायर कर दिया जाता है. उम्र बढ़ने या स्वास्थ्य कारणों से जब ऊंट अपनी सेवाएं देने में सक्षम नहीं रहते, तो उन्हें औपचारिक रूप से रिटायर किया जाता है. रिटायरमेंट के बाद ऊंटों को ऊंट पालकों, NGO, या पशु संरक्षण संस्थाओं को सौंपा जाता है.

59 ऊंटों को किया गया रिटायर 

हाल ही में जैसलमेर में सीमा सुरक्षा बल द्वारा 59 ऊंटों को रिटायर होने के बाद ऊंट पालकों को सौंपा गया है. जिस पर ऊंट पालकों ने भरोसा दिलाया कि वे इन ऊंटों की देखभाल पूरी जिम्मेदारी और स्नेहपूर्वक करेंगे. वो देश के रक्षक ऊंटों को उचित आहार, समय-समय पर स्वास्थ्य जांच, चिकित्सा सहायता और सम्मानजनक व्यवहार करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि वे समय-समय इन ऊंटों की स्थिति की जानकारी BSF को देंगे.

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