डीडवाना जिले के राणासर गांव में दो दलित युवकों की निर्मम हत्या के मामले में आज गहलोत सरकार के मंत्री गोविन्द राम मेघवाल धरने पर बैठे पीड़ित परिवार के लोगों से मुलाकात करने कुचामन पहुंचें. लेकिन मंत्री मेघवाल की भी परिजनों से वार्ता सफल नहीं हो सकी. पीड़ित परिवार की मांग है कि सभी आरोपियों को जल्द गिरफ़्तार किया जाए और मृतक परिवारों को 50-50 लाख रुपए का आर्थिक मुआवजा दिया जाए. पीड़ित परिवार ने मामले की सीबीआई से जांच करवाने की भी मांग की.
मंत्री मेघवाल ने पीड़ित परिवारों को आश्वासन दिया कि कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जाएगा, उन्होंने पीड़ित परिवारों से मृतकों के शवों का जल्द से जल्द पोस्टमार्टम करवाकर सम्मान के साथ दाह संस्कार करने का निवेदन किया, उन्होंने कहा, जितनी जल्दी पोस्टमार्टम होगा, उतनी ही जल्दी तेज गति से पुलिस की कार्रवाई आगे बढ़ेगी.
सभी मांगों के बारे में CM गहलोत से करेंगे बात
मेघवाल ने अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मृतक परिवारों को तत्काल 8-8 लाख रुपए देने की घोषणा की. साथ ही सरकार की अन्य योजनाओं से भी 10-10 लाख रुपए का मुआवज़ा जल्द देने की बात भी कही. लेकिन पीड़ित परिवार 50-50 लाख देने की मांग पर अड़े रहे, जिस पर मेघवाल ने कहा कि वो पीड़ित परिवार की सभी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से बात करेंगे, CM गहलोत ख़ुद इस मामले को लेकर काफी गंभीर हैं और उन्होंने पुलिस प्रशासन को जल्द से जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए हैं.
दलित युवकों की इस निर्मम हत्या का मामला काफी तूल पकड़ रहा है. आज प्रदेश में कई जगह दलित संगठनों ने घटना के विरोध में और आरोपियों को जल्द पकड़ने की मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. वहीं विपक्ष भी सरकार पर हमलावर है.
भाजपा ने बनाई जांच समिति
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने मामले की जांच के लिए सांसदों की एक चार सदस्यीय समिति का गठन किया है. पार्टी की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में बताया गया कि यह समिति घटनास्थल का दौरा करेगी और अपनी रिपोर्ट नड्डा को सौंपेगी. इस समिति की अगुवाई राज्यसभा सदस्य व उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस प्रमुख बृजलाल करेंगे. इसके सदस्यों में कांता कर्दम (राज्यसभा), रंजीता कोली (लोकसभा) और सिकंदर कुमार (राज्यसभा) शामिल हैं.