
Rajasthan News: राजस्थान में कैंसर मरीजों के लिए बुरी खबर है. देशभर में कैंसर (Cancer) की जांच और इलाज में काम आने वाले जरूरी रेडियोआइसोटोप्स (Radioisotopes) की भारी कमी है और इसका सबसे ज्यादा असर राजस्थान जैसे राज्यों पर हो रहा है. नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने यह गंभीर मुद्दा लोकसभा (Parliament Monsoon Session) में उठाया, जिसके जवाब में केंद्र सरकार ने माना कि मेडिकल आइसोटोप्स की सप्लाई में भारी कमी है.
मांग के मुकाबले सप्लाई काफी कम
इन रेडियोआइसोटोप्स में आयोडीन-131 (I-131), मोलिब्डेनम-99 (Mo-99) और फ्लोरीन-18 (F-18) शामिल हैं. इनमें से Mo-99 कैंसर इलाज में सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले Tc-99m आइसोटोप का मूल स्रोत है. सरकार ने माना कि देश में इन जरूरी आइसोटोप्स की सप्लाई मांग के मुकाबले काफी पीछे है और 10-15% तक की कमी देखने को मिल रही है.
राजस्थान में हालात ज्यादा बिगड़े
राजस्थान खासतौर पर इस संकट से जूझ रहा है. जयपुर और जोधपुर जैसे बड़े शहरों के सरकारी और प्राइवेट कैंसर अस्पतालों में भी कई बार इलाज में देरी हो रही है. बीकानेर, नागौर, सीकर और झुंझुनूं जैसे जिलों से आने वाले मरीजों को सिर्फ जांच के लिए 200-300 किलोमीटर तक का सफर तय करना पड़ रहा है.
2035 तक नहीं मिलेगा नया समाधान
सांसद बेनीवाल ने सरकार को हकीकत दिखाई कि जमीन पर अस्पतालों को रेडियोआइसोटोप समय पर नहीं मिल रहे, जिससे कैंसर के इलाज में देरी हो रही है. इसके जवाब में सरकार ने जानकारी दी कि एक नया आइसोटोप रिएक्टर पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल में बनाया जा रहा है, जो 2035 तक ही चालू हो सकेगा. यानी तब तक देश को मौजूदा उत्पादन और आयात पर ही निर्भर रहना होगा.
'एक बड़ी स्वास्थ्य आपदा बन सकता है'
सांसद हनुमान बेनीवाल ने सरकार से मांग की कि वह Mo-99, I-131 और F-18 का घरेलू उत्पादन युद्ध स्तर पर बढ़ाए. उन्होंने ग्लोबल टेक्निकल कोऑपरेशन, बेहतर कोल्ड चेन लॉजिस्टिक्स, और डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम की सिफारिश की, ताकि दूरदराज के जिलों तक समय पर डिलीवरी सुनिश्चित हो सके. बेनीवाल ने कहा कि अगर हालात ऐसे ही रहे तो आने वाले समय में ये संकट एक बड़ी स्वास्थ्य आपदा बन सकता है.
ये भी पढ़ें:- राजस्थान में दलित-आदिवासियों पर अत्याचार की शिकायतें बढ़ीं, संसद में पेश हुए चौंकाने वाले आंकड़े
यह VIDEO भी देखें