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महिलाओं में बढ़ रहे हैं सर्वाइकल कैंसर के मामले, जानें लक्षण, बचाव से लेकर इलाज की पूरी डिटेल

Cervical Cancer Treatment: आज के जमाने में सर्वाइकल कैंसर के केस बहुत बढ़ने लगे है. डॉक्टर ने बताया कि इसके शुरुआती लक्षण से लेकर बचाव के बारे में जानकारी दी है, जानें पूरी डिटेल...

महिलाओं में बढ़ रहे हैं सर्वाइकल कैंसर के मामले, जानें लक्षण, बचाव से लेकर इलाज की पूरी डिटेल
प्रतीकात्मक तस्वीर

Cervical Cancer Symptoms: देश में कई महिलाओं की मृत्यु सर्वाइकल कैंसर की वजह से हो जाती है. कई मामलों में यह देखने को मिला है कि मरीज को इस बारे में बुनियादी जानकारी तक नहीं होती है, जिस वजह से इस तरह की गंभीर बीमारियों की जद में आकर उनकी जिंदगी खत्म हो जाती है. इसी को देखते हुए हर साल जनवरी को सर्वाइकल कैंसर जागरूकता माह के रूप में मनाया जाता है. इसके तहत महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूक किया जाता है और उन्हें बताया जाता है कि कैसे वह खुद को इस बीमारी से बचा सकती हैं.

क्या है सर्वाइकल कैंसर? 

प्रिस्टिन केयर की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ गरिमा साहनी ने इसके बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सबसे पहले इस सर्वाइकल कैंसर जो गर्भाशय ग्रीवा (गर्भाशय के निचले हिस्से) में होता है के बारे में एक संक्षिप्त परिभाषा दी. उन्होंने कहा कि सर्वाइकल कैंसर को ग्रीवा कैंसर कहा जाता है. गर्भाशय के शुरुआती हिस्से को ग्रीवा कहा जाता है. इसे हम आम भाषा में बच्चेदानी का मुंह कहते हैं.

डॉ गरिमा साहनी बताती हैं कि यह तब होता है, जब ग्रीवा की कोशिकाओं (cervical cell) में असामान्य वृद्धि होने लगती है. असमान्य मतलब जब सामान्य कोशिका कैंसर कोशिका में तब्दील हो जाती है. इसे हमें चिकित्सकीय भाषा में 'सर्वाइकल कैंसर' कहते हैं.

सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षण

डॉ गरिमा साहनी इसके शुरुआती लक्षण के बारे में भी बताती हैं. वो कहती हैं कि शुरुआती लक्षण में ब्लीडिंग होना आम है. इसके अलावा, सेक्स के दौरान भी कई बार ब्लीडिंग हो जाती है. इसे हम मेडिकल भाषा में पोसकोयटल ब्लीडिंग कहते हैं. शरीर में से कुछ गंदी बदबू आने लगती है. अगर ऐसी स्थिति में आपको किसी भी प्रकार की दिक्कत होती है, तो आपको डॉक्टर के पास तुरंत जाना चाहिए और उनसे सलाह लेनी चाहिए.

कोल्कोपोस्की चेकअप कराना जरूरी

डॉ गरिमा साहनी इसके निदान के बारे में भी बताती हैं. वो बताती हैं कि इसके लिए आप मेडिकल चेकअप करा सकती हैं. सबसे प्रमुख मेडिकल चेकअप पेप्सपियर होता है. पेप्सपियर किसी भी सेक्सुअल एक्टिव महिला को तीन साल में एक बार करा लेना चाहिए. अगर इसके चेकअप में किसी महिला में एबनॉर्मल सेल्स नजर आते हैं, तो इसके बाद किसी भी महिला को कोल्कोपोस्की चेकअप कराना चाहिए. इस चेकअप में अगर हमें पता लगता है कि किसी जगह पर कैंसर हो सकता है, तो हम उस टुकड़े को लेकर बायोप्सी के लिए भेजते हैं.

'ह्यूमन पेपीलोमा वायरस' बड़ी वजह

डॉ गरिमा साहनी इसके कारणों के बारे में भी बताती हैं. वे बताती हैं कि सर्वाइकल कैंसर होने का सबसे कॉमन कारण 'ह्यूमन पेपीलोमा वायरस' है. आमतौर पर सेक्स के दौरान इस कैंसर से संबंधित वायरस महिला में प्रवेश कर जाते हैं. खासतौर पर जिन महिालाओं के एक से अधिक सेक्सुअल पार्टनर होते हैं, उनमें सर्वाइकल कैंसर होने की आशंका ज्यादा रहती है. इसके साथ ही कई बार अधिक उम्र की महिलाओं में भी इस तरह के कैंसर देखने को मिलते हैं.

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