
Rajasthan News: चंबल नदी मौजूदा वक्त में इंडियन स्कीमर पक्षी के झुंडों से गुलजार हो रही है. सुबह से लेकर शाम तक पक्षियों के परिवार चंबल के रेतीले टीलों पर विचरण कर रहे हैं. वर्तमान समय स्कीमर के प्रजनन काल का चल रहा है. अंडों से बच्चे निकालने के बाद जून में एशिया के विभिन्न देशों के लिए पलायन कर जाएंगे.
बार-बार पानी में भीगकर अंडों को ठंडा करती है मां
पक्षी विशेषज्ञ मुन्ना निषाद ने बताया, 'चंबल नदी में सबसे अधिक इंडियन स्कीमर पक्षी पाया जाता है. वर्तमान समय स्कीमर के प्रजनन और सहवास का चल रहा है. स्कीमर मादा एक बार में तीन से चार अंडे देती है. मादा स्कीमर अपने अंडों की विशेष देखभाल करती है. तेज तपन और गर्मी से अंडे खराब नहीं हो, इसके लिए मादा बार-बार चंबल में भीगकर अंडों को गीला करती है और टेंपरेचर मेंटेन करती है. मई के महीने में अंडों से बच्चों का निकलना शुरू हो जाता है.

चंबल के रेतीले टीलों पर विचरण करता स्कीमर पक्षियों का झुंड.
Photo Credit: NDTV Reporter
सेल्फ डिपेंडेंट बनने के बाद करते हैं लंबी यात्रा
स्कीमर नर पिता चंबल में मछलियों का शिकार कर बच्चों को भोजन उपलब्ध कराता है. जून के आखिरी सप्ताह तक बच्चों को सेल्फ डिपेंडेंट बनाया जाता है. शिकार करने का हुनर भी सिखाया जाता है. सेल्फ डिपेंडेंट होने के बाद जून के आखिर में स्कीम परिवार समेत एशिया के श्रीलंका, चीन समेत तमाम देशों में पलायन कर जाता है. इंडियन स्कीमर को देखने के लिए जंतु प्रेमी रोजाना सुबह शाम पहुंचते हैं. नाना प्रकार की क्रीडाओं को कमरे में भी कैद करते हैं.
ऐसी होती है वनावट
स्कीमर की लंबाई 40-43 सेमी होती है. इसके ऊपरी हिस्से काले, माथा, कॉलर और निचले हिस्से सफेद, लंबी, मोटी, गहरे नारंगी रंग की चोंच होती है, जिसका सिरा पीला होता है और निचला जबड़ा लंबा होता है. उड़ान भरते समय, इसके पंख का पिछला किनारा सफेद होता है और बीच में काले रंग के पंख होते हैं.
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