
Rajasthan News: राजस्थान में मानसून की मेहरबानी अब मुसीबत बनती जा रही है. भारी बारिश के बाद धौलपुर और करौली जिले में चंबल नदी रौद्र रूप में आ चुकी है. नवनेरा और कोटा बैराज से लाखों क्यूसेक पानी छोड़े जाने से चंबल का जलस्तर लगातार खतरे के निशान से ऊपर जा रहा है. स्थिति गंभीर है. करीब 60 से अधिक गांवों में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है और कई इलाकों में तो बाढ़ जैसी स्थिति बन चुकी है.
खतरे के निशान पर जलस्तर
धौलपुर जिले में चंबल 138.80 मीटर तक पहुंच गई है, जो खतरे के निशान से 8.01 मीटर ऊपर है. वहीं करौली के करणपुर क्षेत्र में जलस्तर 166.27 मीटर तक पहुंच गया है और बुधवार तक 166.75 मीटर पार करने की आशंका जताई गई है. ऐसे में सैकड़ों परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है. पुलिस, प्रशासन, एसडीआरएफ और जल संसाधन विभाग की टीमें 24 घंटे अलर्ट मोड पर हैं.

धौलपुर में चंबल नदी का जलस्तर 138.80 मीटर पर पहुंच गया है.
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गांव बने टापू, पुलों पर पानी
करौली जिले में कसेड़, मल्हापुरा, बंधबारा, झूकरी जैसे गांव पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. कसेड़ पुलिया पर 15 फीट पानी बह रहा है, जिससे आवागमन ठप हो गया है. कई गांवों में नाव और ट्यूबों के सहारे लोगों को निकाला जा रहा है. वहीं धौलपुर में सरमथुरा, बाड़ी, राजाखेड़ा जैसे इलाकों में भी पानी तेजी से फैल रहा है.
स्कूलों में छुट्टी, हाईवे काटा गया
धौलपुर-करौली हाईवे को खनपुरा के पास काटकर पानी डाइवर्ट किया गया है ताकि उर्मिला सागर के ओवरफ्लो से नुकसान रोका जा सके. गौटा गांव के स्कूल को भी एहतियातन बंद कर दिया गया है. शिक्षकों ने बच्चों को सुरक्षित निकालकर रिकॉर्ड भी बचाया.
प्रशासन की अपील: नदी किनारे न जाएं
प्रशासन ने चेतावनी जारी की है कि अगले 24 घंटे और क्रिटिकल हो सकते हैं. आमजन से अपील की गई है कि वे चंबल नदी के किनारे न जाएं, नहाएं नहीं और अपने मवेशियों को भी दूर रखें. नियंत्रण कक्ष 24x7 सक्रिय हैं और किसी भी आपात स्थिति में टोल फ्री नंबर 1077 पर संपर्क किया जा सकता है.
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