हमने चांद को किस्से, कहानियों, कविताओं, शायरियों और गीतों में ही सुना था. कभी चांद हमारे लिए दूर की कौड़ी हुआ करता था, मगर आज चांद चंद कदमों की दूरी पर है. भारत के मिशन मून अभियान के लिए आज का दिन बेहद अहम है, क्योंकि आज चंद्रयान-3 चांद पर कदम रखने वाला है. भारत ने जिस दिन चंद्रयान-3 को चांद के लिए सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था, उसके बाद से ही हर भारतवासी यह दुआ कर रहे हैं कि चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग कर चांद की चमकीली जमीं पर तिरंगा फहराए.
चंद्रयान-3 को लेकर एक ओर जहां पूरे देश को इसरो के वैज्ञानिकों पर गर्व है, वहीं डीडवाना के लिए चंद्रयान-3 गर्व और गौरव का विषय है, क्योंकि इस मिशन से डीडवाना की एक बेटी का नाम भी जुड़ गया है. डीडवाना की बेटी सुनीता खोखर चंद्रयान-3 का अहम हिस्सा है. डीडवाना ज़िले के गांव डाकीपुरा की रहने वालीं सुनीता खोखर ने चंद्रयान 3 मिशन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.
चंद्रयान-3 लेंडर के सेंसर को बनाने में दिया योगदान
सुनीता ने चंद्रयान-3 लेंडर के सेंसर को बनाने में योगदान दिया है. सेंसर का मुख्य काम चंद्रयान की गति और ऊंचाई बताना है. इसकी सारी गतिविधि को लेकरजो भी प्रोग्राम बनते हैं, वह सेंसर के माध्यम से ही बनते हैं और उसी से ही सारी सूचनाएं इसरो के वैज्ञानिकों को प्राप्त होती है. सुनीता के चंद्रयान -3 का हिस्सा बनने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी उन्हें बधाई दी है उन्होंने सुनीता को राजस्थान का गौरव बताया.
अहमदाबाद अंतरिक्ष उपयोग केंद्र में सेवा दे चुकी हैं सुनीता
सुनीता का जन्म डीडवाना उपखंड के ग्राम डाकीपुरा में 20 जुलाई 1993 को हुआ था. सुनीता के माता-पिता किसान हैं और बेहद ही साधारण परिवार से हैं. सुनीता ने कक्षा 1 से लेकर 8 वीं तक अपने गांव के ही सरकारी स्कूल में पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की और साल 2017 में अहमदाबाद अंतरिक्ष उपयोग केंद्र में अपनी सेवा दीं. इसके बाद सुनीता अपने हुनर और मेहनत के दम पर इसरो के चंद्रयान-3 मिशन का हिस्सा बनीं।