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आखा तीज पर बड़े पैमाने पर होती है बाल विवाह, जोधपुर में नियंत्रण कक्ष बनाकर जारी किया गया Complaint Number

बाल विवाह रोकने के लिए जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह नहीं हो जिसके लिए जिला कलेक्टर ने सभी अधिकारियों के साथ बातचीत कर कंट्रोल रूम बनाया है.

आखा तीज पर बड़े पैमाने पर होती है बाल विवाह, जोधपुर में नियंत्रण कक्ष बनाकर जारी किया गया Complaint Number

Rajasthan News: हर साल आखा तीज पर कई ग्रामीण इलाकों में बाल विवाह होते हैं. जिसे रोकने के लिए प्रशासन हर साल मुहिम चलाती है और लोगों को जागरूक करने का प्रयास भी करती है. वैसे इस बार आखा तीज के दिन शुक्र और गुरु तारा अस्त होने की वजह से विवाह का कोई शुभ मुहूर्त नहीं है. लेकिन फिर भी जोधपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में बाल विवाह नहीं हो जिसके लिए जिला कलेक्टर ने सभी अधिकारियों के साथ बातचीत कर कंट्रोल रूम बनाया है. जहां पर बाल विवाह की सूचना दी जा सकती है. इसके साथ ही कंप्लेंट नंबर भी जारी किया गया है जिस पर शिकायत दर्ज कराया जा सकता है.

बाल विवाह की रोकथाम के लिए जोधपुर (ग्रामीण) जिले में व्यापक स्तर पर कारगर कार्यवाही सुनिश्चित की गई है. इसके लिए प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों सहित सभी संबंधित अधिकारियों, विभागों एवं संस्थाओं को बाल-विवाह रोकथाम के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैं.

नियंत्रण कक्ष स्थापित

जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल ने आदेश जारी कर अक्षय तृतीय एवं पीपल पूर्णिमा के त्यौहार के दौरान बाल विवाह रोकने एवं इस संबंध में त्वरित कार्यवाही करने के लिए उप नियंत्रक, नागरिक सुरक्षा कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. यह नियंत्रण कक्ष 4 मई, 2024 से 4 जून, 2024 तक 24 घंटे कार्यशील रहेगा. जिसके दूरभाष संख्या 0291-2650349, 2650350 है. 

ग्राम और तहसील स्तरीय समिति एवं सर्तकता दल गठित

आदेशानुसार बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए ग्राम व तहसील स्तरीय समिति एवं सर्तकता दलों का गठन किया गया है. साथ ही जिले में विभिन्न स्तरों पर समितियों का गठन किया गया है. इनमें ग्राम स्तरीय समिति में सरपंच, ग्राम विकास अधिकारी, पटवारी एवं बीट कानिस्टेबल शामिल किए गए हैं. इसी प्रकार पंचायत समिति एवं तहसील स्तरीय समिति में संबंधित तहसीलदार, प्रधान, विकास अधिकारी एवं थानाधिकारी को शामिल किया गया हैं. इनके साथ ही सतर्कता दल का भी गठन किया गया है. इसमें जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिलाप्रमुख, संबंधित उपखण्ड अधिकारी, संबंधित वृत्ताधिकारी, महिला अधिकारिता विभाग के उपनिदेशक तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी सम्मिलित हैं. साथ ही,आदेश के तहत ये समस्त समितियां व दल बाल विवाह के प्रभावी रोकथाम के लिये ग्राम एवं तहसील स्तर पर पदस्थापित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों एवं अधिकारियो (वृत्ताधिकारी, थानाधिकारी, पटवारियों, ग्राम विकास अधिकारी, महिला अधिकारिता तथा बाल अधिकारिता विभाग के परियोजना अधिकारियों, पर्यवेक्षकों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता , शिक्षा विभाग के अध्यापकों एवं नगर परिषद एवं नगर पालिका के कर्मचारियों, जिला परिषद एवं पंचायत समिति सदस्यों, सरपंचों तथा वार्ड पंचों) के माध्यम से बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों का व्यापक प्रचार-प्रसार का कार्य सुनिश्चित करेगी.  

धारा 144 के अन्तर्गत जारी हुए आदेश

जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल ने बताया कि बाल विवाह करवाना बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के प्रावधानों का स्पष्ट उल्लंघन है. इस अधिनियम के अनुसार विवाह योग्य लड़के की आयु 21 वर्ष एवं लड़की की आयु 18 वर्ष होना जरूरी है. उन्होंने ने अक्षय तृतीया के पर्व एवं अबूझ सावे पर होने वाले बाल विवाहों के आयोजन की प्रभावी रोकथाम, बाल विवाह से उत्पन्न बालक-बालिकाओं के स्वास्थ्य को होने वाले खतरे की आशंका को दृष्टिगत रखते हुए उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग जोधपुर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया है.

वर-वधू की जन्मतिथि का अंकन जरूरी

जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल ने दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के अंतर्गत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए यह आदेश जारी किया है. इसके अनुसार मुद्रण कार्य करने वाले समस्त व्यक्तियों को निर्देशित किया गया है कि विवाह के निमंत्रण पत्रों में वर-वधू की आयु संबंधित प्रमाण पत्र प्राप्त कर जन्मतिथि का अंकन निमंत्रण पत्र पर करें एवं निमंत्रण पत्रों की एक प्रति संबंधित उपखंड मजिस्ट्रेट एवं अन्य शासकीय अधिकारियों को निरीक्षण के समय उपलब्ध कराएं. साथ ही, उन्होंने कहा कि जिले में होने वाले सामूहिक विवाह सम्मेलन सामूहिक विवाह के लिए पंजीबद्ध जोड़ों (वर-वधूओं) की जन्मतिथि की संकलित सूचना संबंधित अधिकारी को सामूहिक विवाह आयोजन की तिथि से 7 दिन पूर्व दिया जाना सुनिश्चित करेंगे. 

हर स्तर पर नियंत्रण कक्षों का संचालन

जिला कलक्टर  अग्रवाल ने बाल विवाह की प्रभावी रोकथाम के लिए जिला स्तर पर पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण, पुलिस उपायुक्त (पूर्व एवं पश्चिम) जोधपुर महानगर के यहां तथा महिला एवं बाल विकास विभाग जोधपुर ग्रामीण के उप निदेशक के स्तर पर और जिले के सभी उपखण्ड मजिस्ट्रेट कार्यालयों मे नियंत्रण कक्ष स्थापित कर 24 घण्टे इन्हें क्रियाशील रखने के निर्देश दिए. साथ ही, पुलिस अधीक्षक जोधपुर ग्रामीण, पुलिस उपायुक्त (पूर्व एवं पश्चिम) जोधपुर महानगर के अधीनस्थ समस्त थानों में भी नियंत्रण कक्ष स्थापित करने के निर्देश दिए.

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