Chomu Violence: चौमूं हिंसा मामले में अब सियासत भी तेज हो गई है. भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के बीच बयानबाजी हो गई. बीजेपी नेता रामलाल शर्मा ने कहा है कि पुलिस ने ट्रैफ़िक व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की है. मामले में 40 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है और उपद्रव करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई होगी. वहीं, राजस्थान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. डोटासरा ने कहा कि यह पूरी तरह से पुलिस प्रशासन की विफलता है.
स्टे के बावजूद कार्रवाई क्यों?- डोटासरा
डोटासरा ने आरोप लगाया कि बैठक में सहमति केवल सड़क किनारे पड़े पत्थरों को हटाने की थी, लेकिन पुलिस की मंशा मस्जिद हटाने की थी. इसी गलत मंशा के कारण पूरा विवाद भड़का. पीसीसी चीफ ने आगे कहा कि संबंधित मस्जिद को लेकर पहले से ही कोर्ट का स्टे है, इसके बावजूद पुलिस की कार्रवाई ने हालात बिगाड़ दिए. मामले में निष्पक्ष जांच और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.
मस्जिद के बाहर पत्थर हटाने पर विवाद
दरअसल, कस्बे में स्थित बस स्टैंड क्षेत्र के पास मस्जिद के सामने काम चल रहा था. सड़क किनारे रखे पत्थरों से यातायात बाधित हो रहा था. ये पत्थर करीब 45 वर्षों से सड़क किनारे पड़े थे, जिससे सड़क संकरी हो गई थी और आए दिन जाम की स्थिति बनती थी. यातायात व्यवस्था सुधारने को लेकर पुलिस प्रशासन और मुस्लिम समुदाय के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई थी. इस बैठक में सर्वसम्मति के बाद इन पत्थरों को हटाने पर सहमति बनी, ताकि ट्रैफिक को सुगम और सुरक्षित बनाया जा सके.
चौमूं थाना प्रभारी प्रदीप शर्मा की पहल और समझाइश से समाधान का रास्ता निकला. पत्थर हटाने का काम शांतिपूर्ण ढंग से शुरू किया गया. लेकिन इसके बाद लोगों ने लोहे की रेलिंग लगा दी. जब शुक्रवार सुबह पुलिस ने लोहे की रेलिंग लगाकर बाउंड्री बनाने का काम शुरू किया तो कुछ लोगों ने उस पर आपत्ति जताई. इसी वजह से तनाव बढ़ा और विवाद बिगड़ गया.
रात 3 बजे पुलिसकर्मियों पर पथराव
पुलिस जेसीबी की मदद से मौके पर कार्रवाई कर रही थी, तभी कुछ उपद्रवियों ने विरोध शुरू कर दिया. विरोध के दौरान अचानक माहौल बिगड़ा और रात 3 बजे पुलिस पर पथराव किया गया. पथराव की घटना में 6 पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
हालात काबू में करने के लिए चार से अधिक थानों का पुलिस जाब्ता और आरएसी की एक कंपनी मौके पर तैनात की गई. एहतियात बरतते हुए प्रशासन ने कस्बे में 24 घंटे के लिए इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी है. साथ ही हिंसा में शामिल करीब 12 से अधिक उपद्रवियों को हिरासत में भी लिया है.
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