Chorasi Assembly Seat: लोकसभा चुनाव में पांच विधायकों को मिली जीत के बाद राजस्थान की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. इसमें एक सीट डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा भी है. चौरासी से भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रोत विधायक थे. लेकिन लोकसभा चुनाव में बांसवाड़ा से चुनाव जीतने के बाद अब ये सीट खाली हो गई है. प्रदेश की 5 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव की तैयारी तेज हो गई है. निर्वाचन आयोग ने अभी इन सीटों पर उपचुनाव का ऐलान तो नहीं किया है, लेकिन शनिवार को देश के 7 राज्यों के 13 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के रिजल्ट की घोषणा के बाद अब अन्य राज्यों में खाली पड़ी सीटों पर उपचुनाव की घोषणा हो सकती है. इस बीच सभी सीटों पर सक्रिय अलग-अलग राजनीतिक दल अपनी तैयारी में जुट चुके हैं.
राजकुमार रोत की विरासत को कौन आगे बढ़ाएगा
बात राजस्थान के डूंगरपुर जिले की चौरासी सीट (Chorasi Assembly Seat) की करें तो जनजाति बाहुल्य इस सीट पर राजकुमार रोत की विरासत को कौन आगे बढ़ाएगा, इसके लिए भारत आदिवासी पार्टी, भाजपा, कांग्रेस के साथ-साथ भारतीय ट्राइबल पार्टी की ओर से कई दावेदार रेस में शामिल हैं. चौरासी विधानसभा सीट पर पिछले दो चुनाव से आदिवासी पार्टी का दबदबा देखने को मिला है. 2018 के विधानसभा चुनाव में यहां से भारतीय ट्राइबल पार्टी के टिकट पर राजकुमार रोत ने जीत हासिल की थी. 2023 में राजकुमार रोत ने भारत आदिवासी पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था.
पिछले दो विस चुनाव और लोकसभा में BAP को मिली जीत
हालांकि साल 2018 व 2023 के विधानसभा चुनाव और हालिया हुए लोकसभा आम चुनाव के परिणाम इस बात पर मुहर लगा चुके है कि कांग्रेस और भाजपा चौरासी में कमजोर हुए है. यह और बात है कि अब तमाम राजनीतिक दलों में टिकट की होड़ में युवा और सेकंड लाइन के नेताजी खुलकर सामने आ रहे. दरअसल चौरासी विधानसभा की पूरी राजनीति का केंद्र भील प्रदेश की मांग और वर्तमान में बांसवाड़ा सीट से सांसद राजकुमार है. ऐसे में यह भी साफ है कि भले ही बाप पार्टी समाज की जाजम पर उम्मीदवार तय करने की बात करती हो, लेकिन राजकुमार की मंशा के अनुरूप ही टिकट का एलान संभव है और जीत का सेहरा भी उसी उम्मीदवार के सिर बंधेगा.
भारत आदिवासी पार्टी से पोपट खोखरिया का नाम चर्चा में
साल 2018 और 2023 के चुनाव में भील प्रदेश विधार्थी मोर्चा के फाउंडर मेंबर और जोथरी पंचायत समिति की प्रधान के पति पोपट खोखरिया का नाम प्रत्याशी के रूप में चर्चा में शिखर पर था. लेकिन दोनों बार उनका किस्मत ने साथ नहीं दिया . पोपट खोखरिया जिले के सबसे बड़े राजकीय श्री भोगीलाल पंड्या पीजी कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष भी रह चुके हैं. छात्र राजनीति के रणनीतिकार होने के कारण युवाओं में अच्छी पैठ रखते हैं, ऐसे भारतीय आदिवासी पार्टी से पोपट की दावेदारी फिर से शिखर पर है. लेकिन देखना होगा कि समाज की जाजम और किस्मत के खेल में पोपट का साथ कौन देगा.
भाजपा से तीन नाम चौरासी उपुचनाव की रेस में
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी लगातार दो चुनाव हार जाने के बाद सुशील कटारा के अलावा किस पर दांव आजमाती है, यह देखने वाली बात होगी. चर्चा है कि सुशील कटारा ने इस बार चुनाव लडने से साफ इंकार कर दिया है, हालाकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि भी नहीं है. लेकिन पार्टी के सूत्र बताते हैं कि सुशील कटारा चुनावी समर से बाहर है. ऐसे में अब भाजपा से जिला महामंत्री और पूर्व प्रधान नानूराम, पूर्व उपप्रधान मणिलाल और वर्तमान में सीमलवाड़ा से प्रधान कारीलाल का नाम दावेदारों की लिस्ट में शामिल हैं. इन तीनों में पूर्व प्रधान नानूराम का नाम नंबर-1 पर है.
कांग्रेस ने इन दावेदारों का नाम चर्चा में
इधर कांग्रेस के पास जमानत बचाने जैसे हालात है फिर भी पूर्व प्रधान निमिषा भगोरा, पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा के भतीजे रूपचंद और खुद भगोरा के बेटे महेंद्र का नाम चर्चा में है. हालाकि युवा नेता के रूप में पूर्व प्रधान बसंती बगड़िया के बेटे अभिलाष का नाम मजबूती से सामने आया है. अब देखना होगा कि चौरासी विधानसभा सीट से किस पार्टी से किसे टिकट मिलता है. चुनावी रणनीतिकारों की माने तो चौरासी में भारत आदिवासी पार्टी, भाजपा, कांग्रेस में त्रिकोणीय टक्कर होगा. क्योंकि बाप ने पहले ही ऐलान कर दिया है कि वो विधानसभा में कांग्रेस से गठबंधन नहीं करेगी.
यह भी पढ़ें -
Rajasthan Politics: उपचुनाव में देवली-उनियारा सीट पर प्रह्लाद गुंजल को उतार कर बड़ा दांव खेलेगी कांग्रेस?
हनुमान बेनीवाल के गढ़ खींवसर में किसे मिलेगा टिकट? भाजपा, कांग्रेस, RLP से 3-3 दावेदार रेस में, पढ़ें सियासी समीकरण