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किरोड़ी के साथ लंबी मीटिंग से किसानों को क्या मिला? ट्रैक्टर मार्च के बाद राहुल कस्वां ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

सांसद राहुल कस्वां ने जयपुर में देर रात तक चली बैठक को सार्थक और सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि कई बचे मुद्दों पर भी आगामी दिनों में विस्तृत चर्चा और समाधान की प्रक्रिया जारी रहेगी.

किरोड़ी के साथ लंबी मीटिंग से किसानों को क्या मिला? ट्रैक्टर मार्च के बाद राहुल कस्वां ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
ट्रैक्टर मार्च के बाद राहुल कस्वां ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस

Rajasthan News: किसान एकता ट्रैक्टर मार्च के बाद चूरू सांसद राहुल कस्वां ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा कि किसानों के मुद्दों पर सरकार को जगाने का काम ट्रैक्टर मार्च ने किया है. जयपुर में देर रात तक चली बैठक को सांसद ने सार्थक और सकारात्मक बताया. उन्होंने कहा कि 500 करोड़ रुपये के फसल बीमा क्लेम के जो दरवाजे बंद हो चुके थे, वे अब दोबारा खुल गए हैं. जयपुर में कृषि मंत्री किरोड़ीलाल मीणा की अध्यक्षता में हुई बैठक में चूरू जिला प्रभारी मंत्री अविनाश गहलोत, कृषि शासन सचिव राजन विशाल, कृषि आयुक्त चिन्मयी गोपाल सहित कई विभागीय अधिकारी मौजूद रहे.

बैठक में कई बिंदुओं पर बनी सहमति 

चूरू से सांसद, तीनों विधायक, पूर्व विधायक और किसान संगठनों सहित 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने बैठक में भाग लिया. सांसद कस्वां ने कहा कि जिले के सभी मुद्दों पर बिंदुवार विस्तृत चर्चा हुई है, और कई बिंदुओं पर सहमति बन चुकी है.  उन्होंने यह भी कहा कि चूरू एलीवेटेड रोड के लिए भी जल्द सेक्शन और बजट जारी होगा.

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सांसद राहुल कस्वां ने कहा कि बीमा कंपनियों की आपत्तियों और विभागीय त्रुटियों ने किसानों को तकनीकी जाल में फंसा रखा है, जिसे अब सुलझाने की दिशा में कदम उठाया गया है. उन्होंने कहा कि आज हुई बैठक से किसानों को बड़ा राहत संकेत मिला है. बाकी बचे मुद्दों पर भी आगामी दिनों में विस्तृत चर्चा और समाधान की प्रक्रिया जारी रहेगी.

बैठक में क्या-क्या फैसले हुए?

  • खरीफ 2021- SGRC की चौथी बैठक होगी, खरीफ 2021 के लंबित बीमा क्लेम को लेकर SGRC की चौथी बैठक बुलाई जाएगी. पहले तीन बैठकों के उलझे फैसलों के बाद अब चौथी बैठक में पुनः सुनवाई कर अंतिम फैसला लिया जाएगा.
  • खरीफ 2022 के विवादित प्रकरणों के निस्तारण के लिए 25 नवंबर 2025 को SGRC बैठक तय हुई.
  • खरीफ 2023 के क्लेम का फैसला तकनीकी उपज के आंकड़ों पर निर्भर रहेगा. प्रतिनिधि मंडल की मांग पर यह तय हुआ कि STAC की बैठक में किसान प्रतिनिधि को शामिल किया जाएगा, ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके.
  • प्रीमियम अपलोड न होने और पटवार मंडल बदलने के मामलों में कलेक्टर जिम्मेदार होंगे. ऐसे किसानों को क्लेम दिलाने के लिए जिला कलेक्टर को जवाबदेही तय करने का अधिकार दिया गया है.
  • MSP पर मूंग–मूंगफली की खरीद फिर शुरू होगी. राजफेड ने नैफेड को प्रस्ताव भेज दिया है. मंजूरी मिलते ही MSP पर खरीद और टोकन पुनः शुरू कर दिए जाएंगे.
  • सड़क, बिजली, पेयजल, सिंचाई-सभी आधारभूत मुद्दों पर चर्चा हुई है. प्रतिनिधिमंडल ने जिले की ज़मीनी समस्याओं को विस्तार से रखा, जिस पर मंत्री ने इन सभी बिंदुओं पर कार्रवाई का भरोसा दिया.
  • लिफ्ट कैनाल अवाप्ति मुआवजा-कलेक्टर मध्यस्थ होंगे. 
  • साहवा वितरिका, सरदारशहर वितरिका व गाजुवास माइनर में अवाप्त भूमि के मुआवजा निर्धारण में हुई तकनीकी गलतियों को सुधारने के लिए कलेक्टर चूरू को मध्यस्थ नियुक्त करने पर सहमति बनी.

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