
Rajasthan: लोकप्रिय एंटीसेप्टिक क्रीम बोरोप्लस को लेकर इमामी कंपनी द्वारा किए गए ‘विश्व की नंबर वन क्रीम' के दावे को उपभोक्ता आयोग ने भ्रामक करार देते हुए 30,000 रुपए का जुर्माना लगाया है. यह निर्णय अजमेर जिला उपभोक्ता आयोग ने उपभोक्ता अधिवक्ता तरुण अग्रवाल की याचिका पर सुनाया.
उपभोक्ताओं को किया गया भ्रमित
तरुण अग्रवाल ने उपभोक्ता आयोग में शिकायत दर्ज कर बताया कि बोरोप्लस क्रीम के विज्ञापन में इसे कभी 'विश्व की नंबर वन', कभी 'भारत की नंबर वन', और कभी 'भारत में सबसे अधिक बिकने वाली क्रीम' बताया गया है. ऐसे विरोधाभासी और अतिरंजित दावों से उपभोक्ताओं को भ्रमित किया जा रहा है.
लीगल नोटिस का नहीं मिला जवाब
कंपनी को भेजे गए लीगल नोटिस का कोई उत्तर नहीं मिला, जिसके बाद मामला अदालत पहुंचा. सुनवाई के दौरान इमामी कंपनी के वकीलों ने यह स्वीकार किया कि वर्ष 2017-18 में भारत में उनकी क्रीम ने सबसे ज्यादा बिक्री की थी, लेकिन ‘विश्व की नंबर वन' होने का कोई साक्ष्य कंपनी नहीं दे सकी.
'विश्व की नंबर वन' कहना भ्रामक
आयोग के अध्यक्ष अरुण कुमावत, सदस्यों दिनेश चतुर्वेदी और जयश्री शर्मा की पीठ ने अपने निर्णय में कहा कि 'बेस्ट' और 'अमेजिंग' जैसे सामान्य विशेषण विज्ञापन में चल सकते हैं, लेकिन वैश्विक स्तर पर कोई प्रमाण नहीं होते हुए ‘विश्व की नंबर वन' कहना भ्रामक और अनुचित व्यापार व्यवहार की श्रेणी में आता है.
5000 खर्चा 25000 रुपए जुर्माना
आयोग ने कंपनी को उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत दोषी ठहराते हुए 5,000 रुपए परिवाद व्यय के रूप में और 25,000 रुपए राज्य उपभोक्ता कल्याण कोष में जमा करने का आदेश दिया. साथ ही इमामी को सुधारात्मक विज्ञापन प्रकाशित करने और भविष्य में बिना वैधानिक प्रमाण ‘नंबर वन' जैसे दावे नहीं करने की भी सख्त हिदायत दी है.
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