मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को प्रदेश के नए जिलों का वर्चुअली अनावरण किया. सीएम गहलोत ने बिड़ला ऑडिटोरियम में नए जिलों के स्थापना कार्यक्रम में बटन दबाकर नवसृजित 19 जिलों की शिलापट्टिकाओं का अनावरण किया. इससे पहले यज्ञ और सर्व धर्म सभा का आयोजन किया गया. इस अवसर पर गहलोत ने नए जिलों की आधिकारिक वेबसाइट भी शुरू की. इनमें नए जिलों के बारे में विवरण दिया गया है. अधिसूचना जारी होने के साथ ही अब इन नए जिलों में ओएसडी प्रशासन कलक्टर और ओएसडी पुलिस अब पुलिस अधीक्षक हो जाएंगे.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "आजादी के बाद आज राजस्थान एक इतिहास बनाने जा रहा है. राजस्थान बना तो 22 रजवाड़े थे. 1956 में राज्य का पुनर्गठन हुआ. उस समय जनसंख्या पौने 2 करोड़ थी और 26 जिले थे. लगभग 70 सालों में 7 जिले ही बने थे. आबादी तीन गुना बढ़कर करीब 7 करोड़ हो गई. एक जिले में ही जिला मुख्यालय तक जाने में लोगों को 250 से 300 किलोमीटर जाना पड़ता था. इसलिए प्रशासनिक दृष्टि से नए जिले बनाए गए. उन्होंने कहा कि एक साथ में जिस तरह जिले बनाए गए हैं. यह पहली बार हुआ है. आंध्रप्रदेश की बात अलग है."
इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कहा, "जन भावना का हुआ सम्मान 50 जिलों का हुआ राजस्थान" हमने 2030 का विजन को लेकर ये काम किया है. नए जिलों में कलेक्टर एसपी की आज शाम तक घोषणा कर दी जाएगी.
नए जिले बनाए जाने के उद्घाटन कार्यक्रम में प्रताप सिंह खाचरियावास, रफीक खान, अमीन कागजी, राजस्व मंत्री रामलाल जाट, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया भी मौजूद रहे.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 4 अगस्त को हुई कैबिनेट की मीटिंग में नए जिलों को हरी झंडी दी थी. राजस्थान में नए जिलों के अस्तित्व में आने के साथ ही प्रदेश में 50 जिले हो गए हैं.