
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल रविवार को जयपुर में जैन सभा द्वारा आयोजित ‘सामूहिक क्षमापन पर्व समारोह' में शामिल हुए. इस दौरान सीएम ने कहा कि गलती होना स्वाभाविक है लेकिन उस गलती को स्वीकार करते हुए क्षमा मांग लेना बहुत बड़ा मानवीय गुण है और सामने वाले को क्षमा करना उससे भी बड़ी बात है. जैन धर्म में क्षमा याचना का बहुत महत्व है. क्षमा याचना से आत्म-शुद्धि होती है, जिससे संबंधों में सुधार होता है. साथ ही मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास भी होता है.
'विश्व को दिया शांति और सद्भाव का संदेश'
साथ ही सीएम ने जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगी और कहा कि जैन धर्म ने पूरे विश्व को शांति और सद्भाव का संदेश दिया है. क्षमा ही सबसे बड़ा आभूषण है. इस अवसर पर सीएम ने सोलहकारण में 32व्रत 16 उपवास, दशलक्षण पर्व के 10 उपवास करने वाले त्यागीवृत्तियों का सम्मान भी किया. आगे सीएम ने कहा कि जैन समाज धार्मिक, सामाजिक और लोक कल्याण के कार्यों में विशेष पहचान रखता है. शिक्षा-स्वास्थ्य क्षेत्र में सहयोग करने में और गरीब-जरूरतमंदों की सहायता में जैन समाज सदैव आगे रहा है.
जैन हॉस्टल के लिए जमीन आवंटन का आश्वासन
जैन समाज के ट्रस्ट और संगठनों में प्रदेश के विभिन्न अस्पताल, स्कूल और धर्मशाला चल रही हैं. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समाज की मांग पर जैन हॉस्टल के लिए जमीन आवंटन करने का सकारात्मक आश्वासन भी दिया. साथ ही, सीएम ने कहा कि मुख्यमंत्री निवास पर संतों-मुनियों का सदैव स्वागत है. सीएम ने कहा कि जैन धर्म का दशलक्षण पर्व मानवता के लिए प्रेरणास्त्रोत है.
यह पर्व न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग दिखाता है, बल्कि सामाजिक सामंजस्य और शांति की भी नींव रखता है. आगे सीएम ने कहा कि इन गुणों का अनुकरण कर हम न केवल अपने जीवन को शुद्ध कर सकते हैं, बल्कि समाज को भी सुखी और समृद्ध बना सकते हैं. जैन धर्म की सत्य, अहिंसा, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य और अस्तेय की शिक्षाएं आज के युग में भी प्रासंगिक हैं.