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This Article is From May 21, 2024

800 साल पहले का कमाल का आर्किटेक्चर, 50 डिग्री के तापमान में भी बहती ठंडी हवाएं

50 डिग्री सेल्सियस के तापमान में जब पश्चिमी राजस्थान भट्टी की तरह तप रहा होता है तो जैसलमेर का किला एकमात्र ऐसी जगह है, जो इस भीषण गर्मी में भी ठंडी हवा देता है.

800 साल पहले का कमाल का आर्किटेक्चर, 50 डिग्री के तापमान में भी बहती ठंडी हवाएं
सोनार दुर्ग

Jaisalmer Sonar Fort: राजस्थान का जैसलमेर अपनी ऐतिहासिक इमारतों के साथ-साथ लू के थपेड़ों व भीषण गर्मी के लिए विश्व विख्यात है, लेकिन 50 डिग्री सेल्सियस के तापमान में जब पश्चिमी राजस्थान भट्टी की तरह तप रहा होता है तो जैसलमेर का किला एकमात्र ऐसी जगह है, जो इस भीषण गर्मी में भी ठंडी हवा देता है.

800 साल पहले बनकर हुआ था तैयार

सोनार दुर्ग के दशहरा चौक में प्रवेश से पहले बने किले का हवा प्रोल, जो उस वक्त की अनूठी कारीगरी का बेसकीमती नमूना है. पूरे शहर में जब हवा गर्म हो जाती है. तब भी इस प्रोल में ठंडी हवाएं बहती हैं. इस प्रोल को लेकर इतिहास के जानकार कन्हैया लाल व्यास बताते हैं कि यह प्रोल लगभग 700-800 पहले बनकर तैयार हुई थी. यह प्रोल उस दौर के आर्किटेकचर का नायाब नमूना है. 

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इस प्रोल को बनाने में उस वक्त के इंजीनियर्स ने फिजिक्स का एक फार्मूला उपयोग में लिया होगा या कहे यह फार्मूला बनने से पहले उन्होंने उसका अनुमान लगाया होगा, क्योकि यह प्रोल नार्थ-साऊथ दिशा में बनी है और जैसलमेर हवाऍ भी इसी दिशा में चलती है. बता दें कि सोनार किले को जीवित किला के नाम से भी पुकारा जाता है. इस किले के चारों तरफ जैसलमेर बसा है और इस किले में पहुंचने के लिए चढ़ाई चढ़ते हुए राहगीरों को 4 प्रोल से होकर पहुंचना पड़ता है.

भीषण गर्मी में प्रोल में बहती ठंडी हवा

भीषण गर्मी में भी चढ़ाई चढ़कर आए राहगीर हवा प्रोल पहुंचकर ठंडी हवा का लुफ्त उठाते है. इस हवा प्रोल में भीषण गर्मी के समय ठंडी हवाए तो चलती है, लेकिन सवाल यह खड़ा होता है कि इतने सैकड़ों साल पहले कौन-सी तकनीक का उपयोग कर इसे बनाया गया था. इस सवाल पर जैसलमेर की मशहूर आर्किटेक्ट रिया बिस्सा बताती हैं कि हवा प्रोल नार्थ साउथ दिशा में बनी है, क्योकि जैसलमेर में 1 साल में से अधिकतर हवाएं साउथ-साउथ- वेस्ट से नार्थ-नार्थ-ईस्ट की दिशा में चलती हैं. 

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प्रोल के दोनों ही तरफ खुला और ऊंचाई वाला आकार दिया गया है, लेकिन प्रोल के अंदर ऊंचाई व जगह कम हो जाती है, जिससे हवा के दबाव में परिवर्तन होता है. यही कारण है कि हवाएं लगातार चलती है और तापमान ठंडा रहता है, क्योंकि जब खुली जगह में दबाव अधिक होता है तो हवाएं धीमी गति से चलती है, लेकिन जब कॉमपेक्ट एरिया में हवा जाती है तो दबाव कम हो जाता है और हवा की गति बढ़ जाती है. साथ ही यह प्रोल जैसलमेर के पीले पत्थर से बनी है और छत में भी सफ़ेद चुने का उपयोग किया गया है. यह छोटी-छोटी चीज और फार्मूला यह छोटी-छोटी चीजें और फॉर्मूला मिलकर हवा प्रोल को खास बनाते हैं.

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