Cyber Fraud: ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामले को देखते हुए पुलिस विभाग ने कमर कस ली है. साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए पुलिसकर्मियों को लगातार ट्रेनिंग भी दी जा रही है. पुलिस की तरफ से एक ऐसा एक्शन प्लान तैयार किया गया है, जिससे ऑनलाइन ठगी होने या साइबर फ्रॉड होने पर किसी को अब परेशान नहीं होना पड़ेगा. अब थाने में ही ऑनलाइन ठगी होने पर ट्रांजेक्शन को रुकवाया जा सकेगा.
साइबर रोकथाम के लिए वर्कशॉप आयोजित
बुधवार को चित्तौड़गढ़ के कलेक्टर (Chittorgarh Collector) की अध्यक्षता में एक दिवसीय साइबर क्राइम रोकथाम वर्कशॉप का आयोजन हुआ. इस दौरान साइबर क्राइम हेल्प लाइन के पोस्टर का विमोचन हुआ. इस दौरान कलेक्टर आलोक रंजन ने कहा कि साइबर फ्रॉड के पीड़ित व्यक्ति के साथ पुलिस को अधिक संवेदनशील होने की जरूरत है. सोशल नेटवर्किंग का मिसयूज होने से पूरी मानव जाति को नुकसान हो रहा है. पुलिस कर्मी साइबर क्राइम के तकनीकी बिंदुओं पर तुरंत काम करें. इस तरह के अपराध की रोकथाम व नियंत्रण के लिए हम सभी मिलकर प्रयास करेंगे.
साइबर क्राइम अवेयरनेस सप्ताह चलेगा
जिले के एसपी सुधीर जोशी ने बताया कि साइबर क्राइम काफी बढ़ रहा है और रोज ही अलग-अलग तरीके से क्राइम सामने आ रहे हैं. आम लोग ज्यादा परेशान ना हो और उनकी समस्या का निस्तारण जल्द से जल्द हो जाए, इसके लिए जिले के 15 थानों में प्रशिक्षण दिया जा चुका है. साथ ही साइबर क्राइम अवेयरनेस सप्ताह भी चलाया जाएगा.
प्रशिक्षण के लिए साइबर एक्सपर्ट मानस त्रिवेदी को बुलाया गया है और उनके द्वारा जिले के सभी पुलिस थानों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें थाने के समस्त पुलिस अधिकारी और कर्मचारी प्रशिक्षण ले रहे है. साइबर एक्सपर्ट मानस त्रिवेदी ने बताया कि वित्तीय धोखाधड़ी में ट्रांजेक्शन रुकवाना, फेक अकाउंट बंद करवाना जैसे काम थाने पर ही हो सकते हैं और पीड़ित को राहत दे सकते हैं. अभी तक अब तक साइबर क्राइम के मामलों को जिले की साइबर सेल और साइबर पुलिस थाना हैंडल कर रही थी.