
Coaching Centre Bill: राजस्थान में बुधवार को विधानसभा में पारित कोचिंग सेंटर विधेयक में न्यूनतम आयु की बाध्यता हटाने को लेकर राजनीति लगातार गरमा रही है. इस संदर्भ में कांग्रेस ने कोचिंग सेंटरों के नियमन को लेकर राजस्थान सरकार की आलोचना की है.
न्यूनतम आयु मानदंड हटाने का विरोध
इस विधेयक पर शुक्रवार को विधानसभा में चर्चा होगी. इसमें जनवरी 2024 में जारी केंद्र की सख्त गाइडलाइन के प्रमुख प्रावधानों में ढील दी गई है. जिसमें कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि कोचिंग क्लास लेने के लिए न्यूनतम आयु मानदंड हटाकर राज्य सरकार ने फिर से बच्चों पर मानसिक बोझ डालने का प्रयास किया है. विधेयक में छात्रों के 'एप्टीट्यूड टेस्ट' को स्वैच्छिक बनाया गया है, जबकि पहले के मसौदे में इसे अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव था.
जुर्माने की राशि में काफी वृद्धि
विधेयक में नियमों का उल्लंघन करने वाले कोचिंग सेंटरों के लिए जुर्माने की राशि में काफी वृद्धि की गई है. अब किसी संस्थान द्वारा नियमों का पहली बार उल्लंघन करने पर 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जो 2024 के मसौदे में 25,000 रुपये था. बार-बार उल्लंघन करने पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा, जो पहले 1 लाख रुपये था। विधेयक के अनुसार भ्रामक विज्ञापनों पर भी रोक लगाई जाएगी.
16 वर्ष तक के बच्चों को कोचिंग लेने से रोकने का प्रावधान था- टीकाराम जूली
कोचिंग सेंटरों में प्रवेश के लिए आयु सीमा हटाने की आलोचना करते हुए विपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने कहा, 'हमारी (कांग्रेस) सरकार ने बच्चों में आत्महत्या की प्रवृत्ति को रोकने का प्रयास किया था. इसके लिए एक समिति बनाई गई थी, जिसने कोटा का दौरा किया था। अब यह सरकार फिर से विधेयक लेकर आई है. हमारे मसौदे में 16 साल तक के बच्चों को कोचिंग लेने से रोकने का प्रावधान था. लेकिन अब सरकार फिर से इसमें छूट देने की तैयारी कर रही है और इससे उन बच्चों पर तनाव बढ़ेगा। उन पर भारी बोझ डाला जा रहा है, जो वयस्क भी नहीं हुए हैं.'
शायद सरकार एक मजबूत विधेयक नहीं लाना चाहती
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार ने पहली कक्षा में प्रवेश के लिए 5 से 6 वर्ष की आयु की सिफारिश की है, लेकिन 'डबल इंजन राजस्थान सरकार' 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोचिंग शुरू करने की बात कर रही है. उन्होंने कहा, "शायद सरकार एक मजबूत विधेयक नहीं लाना चाहती. हम चाहेंगे कि हमारे बिंदु और सुझाव इसमें जोड़े जाएं."
बुधवार को राजस्थान विधानसभा में विधेयक पेश किया गया
बता दें कि यह कानून बुधवार को डिप्टी सीएम प्रेम चंद बैरवा ने पेश किया. जिसमें कोटा में छात्रों द्वारा आत्महत्या के मामलों को देखते हुए राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक को महत्वपूर्ण माना जा रहा है. कोटा को देशभर में मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश की तैयारी कराने वाले कोचिंग सेंटरों का केंद्र माना जाता है. इस बिल में 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोचिंग शुरू करने की बात कर रही है. जिसका कांग्रेस विरोध कर रही है.
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