
Rajasthan News: पश्चिमी राजस्थान की मरुगंगा और जीवनरेखा कहलाने वाली लूनी नदी आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रही है. जोधपुर और पाली की फैक्ट्रियों से निकलने वाला केमिकल युक्त दूषित पानी इस नदी को जहरीला बना रहा है. लूनी और जोजरी नदी का पानी अब न तो पीने योग्य है और न ही पूजने लायक. यह दूषित पानी लूनी, धवा, डोली, अराबा और कल्याणपुर से होते हुए बालोतरा तक पहुंच चुका है. हालात इतने खराब हैं कि बालोतरा में लोग अंतिम संस्कार तक नहीं कर पाए.
किसानों की जमीन हुई बंजर
लूनी नदी के किनारे बसे सैकड़ों एकड़ खेत अब बंजर हो चुके हैं. किसानों की आजीविका छिन गई है. दूषित पानी की बदबू से मच्छरों का प्रकोप बढ़ा है, जिससे बीमारियां फैल रही हैं. स्कूलों में बच्चे बदबू के कारण पढ़ाई नहीं कर पाते. रात में मच्छरों के डर से उनकी नींद हराम हो रही है. वन्यजीव भी इस प्रदूषण की भेंट चढ़ रहे हैं.
सद्बुद्धि यज्ञ और नेताओं पर तंज
इसी बीच जोधपुर से लोकसभा उम्मीदवार रहे कांग्रेसी नेता करण सिंह उचियारड़ा ने मंगलवार को राज्य सरकार को सद्बुद्धि मिले जिसके लिए सद्बुद्धि यज्ञ किया. करण सिंह का कहना है कि बीजेपी के मंत्री जिन्होंने आचार संहिता लगने वाले दिन 1400 करोड रुपए की घोषणा की थी और जिसमें से 175 करोड रुपए मिलने की बात कही थी लेकिन वह 175 करोड़ रूपया कहां है.
सभी मिलकर करना होगा काम
करण सिंह ने कहा कि मंत्री कहते हैं की पानी पूजने योग्य है मैं उनसे कहता हूं कि आप खुद आकर देखे की पानी पूजने योग्य है या नहीं, लोग बर्बाद हो रहे हैं.
वहीं इस सद्बुद्धि यज्ञ के बाद लूणी के पूर्व विधायक रहे महेंद्र सिंह बिश्नोई ने भी कहा कि मंत्री कह रहे हैं कि यह पानी स्वागत योग्य है पानी स्वागत योग्य नहीं सीवरेज का है. ऐसे में लूनी नदी और जोजरी नदी को साफ करने के लिए सभी को मिलकर काम करने की आवश्यकता है.
ट्रीटमेंट प्लांट की मांग कर रहे लोग
स्थानीय लोग और किसान अब हताश हैं. उनकी एकमात्र मांग है कि सरकार फैक्ट्रियों से निकलने वाले दूषित पानी को रोके और ट्रीटमेंट प्लांट लगाए.
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