
Crops destroyed by rain: धौलपुर में आसमानी आफत ने इस सीजन में भारी तबाही मचाई है. शहरों से लेकर गांव अभी भी जलभराव के हालात हैं. बारिश से लोगों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो गया है. आसमानी आफत ने सबसे ज्यादा परेशानी में अन्नदाता किसान को खड़ा कर दिया है. खरीफ की सभी फसलें बर्बाद हो रही है, आगामी रवि फसल की बुवाई पर भी संकट बना हुआ है. परेशानी यह कि आजीविका का दूसरा साधन मवेशी पालन भी किसानों के हाथों से निकल गया है. खेतों में चारा सड़ने की कगार पर पहुंच गया है. लाचारी और मजबूरी में मवेशी को भी बेचना पड़ेगा. अन्नदाता बुरी तरह से बर्बादी के मुहाने पर आ गया है. किसान प्रशासन और सरकार से उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं, जिससे राहत मिल सके. उनका कहना है कि अगर सरकार ने मदद नहीं की तो शहरों के लिए पलायन करना पड़ेगा.
2 महीने लगातार बारिश में सब बर्बाद
किसान सुनील कुमार ने बताया बाजार, दलहन, तिलहन, ग्वार, ज्वार, मक्का समेत सब्जी की फसलों की जून में बुवाई की थी. फसल बुवाई होने के बाद बरसात का दौर शुरू हो गया. दो महीने तक लगातार हुई बरसात से सभी फसल खेतों में बर्बाद हो गई. महंगे खाद बीज और कीटनाशक दबाए डालकर फसल की बुवाई की थी. लेकिन अन्नदाता के अरमानों पर आसमानी आफत ने पानी फेर दिया.

भारी बारिश के बाद खेतों में पानी भर गया है.
कृषि विभाग का दावा भी गले नहीं उतर रहा
जिले में फसल बुवाई का 1.53 लाख हेक्टेयर एरिया है. सबसे अधिक नुकसान बसेड़ी और सैपऊ उपखंड क्षेत्र में हुआ है. इलाका होने की वजह से दोनों उपखंड डूब क्षेत्र में शामिल हो गए हैं. दोनों उपखंड क्षेत्र के किसानों को सबसे अधिक नुकसान हुआ है. कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक सरदार मल यादव ने बताया बरसात के सीजन में करीब 84000 हेक्टेयर बाजार फसल की बुवाई की जाती है.
इसके अलावा ज्वार, ज्वार,दलहन, तिलहन की करीब 30000 हेक्टेयर बुबाई की जाती है. शेष बची जमीन में सब्जी और अन्य फसलें की जाती हैं. कृषि विभाग के मुताबिक 20000 हेक्टेयर बाजरे की फसल बर्बाद हुई है. लेकिन जिन हालातों में फसल बर्बाद के अबशेष दिख रहे, उस अनुपात में कृषि विभाग के आंकड़े गले नहीं उतर रहे हैं.
यह भी पढ़ेंः राजस्थान में पूर्वी जिलों में अगले 2 दिन जमकर बरसेंगे बादल, 12 जिलों में येलो अलर्ट जारी