
Unique wedding in Dausa: दौसा जिले के बांदीकुई में एक अनोखी शादी की चर्चा हर जगह हो रही है. यह शादी सोमवार 2 जून 2025 को नांद स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय केंद्र में हुई. जिसमें 32 साल की 'राधा' का भगवान शिव से विवाह हुआ. इसे देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.
भगवान शिव से राधा ने विवाह
दरअसल, उत्तर प्रदेश के हाथरस की रहने वाली 32 वर्षीय राधा दीदी ने भगवान शिव से विवाह किया. बांदीकुई सेंटर पर पहली बार इस तरह का आयोजन किया गया. इसमें विवाह से पहले की सभी रस्में शामिल की गईं. हल्दी, मेहंदी की रस्में निभाई गईं. उसके बाद शिवलिंग पर वरमाला डालकर सात फेरों की रस्म निभाई गई.
2014 में हाथरस से की थी BSC पास
अनोखी शादी के बारे में राधा दीदी ने बताया कि उन्होंने वर्ष 2014 में हाथरस से बीएससी पास की थी. तभी से उनका मन भगवान शिव की भक्ति में लग गया था. जिसके बाद वह प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़ गईं. इसके बाद वह बांदीकुई सेंटर में रहने लगीं. जहां 11 साल से लगातार भगवान शिव की पूजा कर रही हूं. इसके बाद सोमवार को उन्होंने भगवान शिव से विवाह कर लिया.
पहली बार हुआ इस तरह की अनोखी शादी
विवाह के बारे में जानकारी देते हुए केंद्र प्रभारी ममता दीदी ने बताया कि इस तरह का विवाह पहली बार हुआ है. अब इसके बाद 17 से 21 जून तक माउंट आबू में बड़ा आयोजन किया जाएगा. जिसमें देशभर से इस तरह का विवाह करने वाली बहनों को संकल्प प्रमाण पत्र दिए जाएंगे, जिसमें गोल्ड मेडल भी दिया जाएगा.
करीब 15 से 17 साल तक की जाती है अराधना
केंद्र प्रभारी ममता दीदी ने आगे बताया कि इस तरह से भगवान शिव से विवाह करने के लिए करीब 15 से 17 साल तक उनकी पूजा करनी पड़ती है. इस तरह का विवाह वही लोग कर सकते हैं जिनका विवाह नहीं हुआ है. विवाह के बाद उन्हें पूरे विश्व को अपना परिवार मानना पड़ता है.
माता-पिता की बिना अनुमति के नहीं होता ऐसा विवाह
राधा दीदी ने बताया कि इस तरह की शादियां माता-पिता के बिना नहीं होती हैं. यह शादी भी राधा की मां की अनुमति से हुई, जिसके बाद उनकी मां और मामा ने कन्यादान किया. राधा दीदी ने जानकारी देते हुए बताया कि जब वह 8 साल की थीं, तब उनके पिता रोरन सिंह की एक दुर्घटना में मौत हो गई थी. राधा ने हाथरस से बीएससी पास की और 65% अंक प्राप्त किए. इस अनोखे विवाह समारोह में दूल्हे के रूप में सिर्फ शिवलिंग था. लेकिन यहां अन्य रस्में शादी की तरह ही थीं. यह शादी बांदीकुई के नंदगांव कॉलोनी स्थित एक निजी मैरिज गार्डन में आयोजित की गई थी.
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