
Delhi News: रक्षा मंत्रालय ने 156 लाइट कॉम्बैट हैलीकॉप्टर (LCH) खरीदने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 62700 करोड़ रुपये के दो कॉन्ट्रैक्ट साइन किए हैं. रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पहला कॉन्ट्रैक्ट भारतीय वायु सेना (IAF) को 66 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के लिए है, जबकि दूसरा भारतीय सेना को 90 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टरों की सप्लाई के लिए है. इन हेलीकॉप्टरों की सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट होने के तीसरे साल से शुरू होगी और अगले 5 सालों में पूरी की जाएगी.
8500 से अधिक लोगों को रोजगार
LCH भारत का पहला स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित लड़ाकू हेलीकॉप्टर है, जो 5000 मीटर से अधिक की ऊंचाई पर संचालन की क्षमता रखता है. इस हेलीकॉप्टर के अधिकतर सामान को भारत में डिजाइन और निर्मित किया गया है और इस खरीद की प्रक्रिया के साथ हेलीकॉप्टर कुल स्वदेशी सामग्री 65 प्रतिशत से अधिक हासिल करने की योजना है. इसमें 250 से अधिक घरेलू कंपनियां शामिल होंगी, जिनमें से अधिकांश MSME होंगी और इससे 8500 से अधिक डायरेक्ट और इनडायरेक्ट रोजगार पैदा होगा.
हवा से हवा में फ्यूल भरने की ट्रेनिंग
इस बीच, मंत्रालय ने भारतीय वायुसेना और भारतीय नौसेना के पायलटों को हवा से हवा में ईंधन भरने का प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एक फ्लाइट रिफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट (एफआरए) की वेट लीजिंग के लिए मेट्रिया मैनेजमेंट के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर भी साइन किया . मेट्रिया छह महीने के भीतर एफआरए (केसी135 एयरक्राफ्ट) प्रदान करेगा, जो भारतीय वायुसेना द्वारा वेट लीज पर लिया जाने वाला पहला एफआरए होगा.
कॉन्ट्रैक्ट के बजट ने बनाया रिकॉर्ड
इन तीन कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करने के साथ, 2024-25 के दौरान रक्षा मंत्रालय द्वारा साइन किए गए कुल कॉन्ट्रैक्ट्स की संख्या 193 तक पहुंच गई है, जिनका कुल कॉन्ट्रैक्ट मूल्य 2,09,050 करोड़ रुपये से अधिक है, जो अब तक का सबसे अधिक और पिछले उच्चतम आंकड़े से लगभग दोगुना है. इनमें से 92 प्रतिशत घरेलू उद्योग को दिए गए कॉन्ट्रैक्ट हैं, जिनका कॉन्ट्रैक्ट मूल्य 1,68,922 करोड़ रुपये (81 प्रतिशत) है.
सशस्त्र बलों के लिए एक और कॉन्ट्रैक्ट
गुरुवार को रक्षा मंत्रालय ने नाग मिसाइल सिस्टम (एनएएमआईएस) के ट्रैक्ड वर्जन एंटी टैंक हथियार प्लेटफॉर्म की खरीद के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की आर्मर्ड व्हीकल निगम लिमिटेड के साथ एक कॉन्ट्रैक्ट पर साइन किए और फोर्स मोटर्स लिमिटेड और महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के साथ सशस्त्र बलों के लिए लगभग 5,000 हल्के वाहनों के लिए एक और सौदा किया, जिसकी कुल लागत लगभग 2,500 करोड़ रुपये है. 'खरीदें- स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित' कैटेगरी के तहत ये कॉन्ट्रैक्ट रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की सरकार की रणनीति का हिस्सा हैं.
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