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This Article is From Sep 07, 2023

गिग वर्कर्स कानून को लेकर राज्यपाल से मिला प्रतिनिधिमंडल, क़ानून बना तो ढाई करोड़ लोगों को होगा फायदा

न्यूनतम आय गारंटी कानून और गिग वर्कर्स कानून को लेकर गुरुवार को सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान राजस्थान की प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की. जुलाई में दोनों विधेयक विधानसभा में पास हुए थे, लेकिन अब तक इस पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं होने के कारण कानून नहीं बन सके हैं.

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गिग वर्कर्स कानून को लेकर राज्यपाल से मिला प्रतिनिधिमंडल, क़ानून बना तो ढाई करोड़ लोगों को होगा फायदा
राज्यपाल से मुलाक़ात के दौरान प्रतिनिधिमंडल
JAIPUR:

न्यूनतम आय गारंटी कानून और गिग वर्कर्स कानून पर हस्ताक्षर करने की मांग को लेकर गुरुवार को सूचना एवं रोज़गार अधिकार अभियान राजस्थान की ओर से अरुणा रॉय के नेतृत्व में 4 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाक़ात की. ग़ौरतलब है कि जुलाई महीने में ही दोनों विधेयक विधानसभा में पास हुए थे लेकिन अब तक इस पर राज्यपाल के हस्ताक्षर नहीं हुए हैं. इसकी वजह से ये कानून अभी तक लागू नहीं हो सके.

पूरे देश में राजस्थान यह कानून पास करने वाला पहला राज्य है, इसकी वजह से राजस्थान बहुत चर्चा में भी रहा. 

गिग वर्कर्स एक्ट के पास होने के बाद राज्य में प्लेटफॉर्म आधारित गिग कर्मकार कल्याण बोर्ड की स्थापना की जाएगी. इस बोर्ड में दो गिग वर्कर और सिविल सोसाइटी के दो सदस्य शामिल किए जाएंगे.

क़ानून के तहत 200 करोड़ का एक वेलफेयर फंड भी बनाया जाएगा. जिसमें सभी एग्रीगेटर कंपनियों जैसे ओला, ऊबर को अपने साथ जुड़े गिग वर्कर की लिस्ट सरकार को देनी होगी. जिससे उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकेगी. 

वहीं मिनिमम इनकम गारंटी कानून पास होने के बाद मनरेगा और शहरी रोजगार योजना के अंतर्गत 125 दिनों के रोजगार की गारंटी होगी, पहले 100 दिन के रोजगार की गारंटी थी. साथ ही विधवा, एकल महिला को कम से कम 1000 रुपए हर महीने पेंशन भी दी जाएगी. सरकार ने इस योजना के लिए बजट में अलग 2500 करोड़ रुपए रखे हैं.

प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व कर रही अरुणा रॉय ने कहा कि, ग़रीब और मज़दूरों के लिए सामाजिक सुरक्षा बेहद ज़रूरी है. ये लोग लम्बे समय तक काम करते हैं और इनके पास बुढ़ापे या अन्य परिस्थियों में अपना जीवन चलाने के लिए कोई संसाधन नहीं होते, इसलिए ये कानून पास होने बहुत जरूरी हैं. ये दोनों कानून सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में देश और दुनिया के लिए एक मिसाल बनेंगे. प्रतिनिधिमंडल में अरुणा रॉय के अलावा कविता श्रीवास्तव, रक्षिता स्वामी और मुकेश निर्वासित शामिल थे.

मनरेगा और शहरी रोजगार योजना के अंतर्गत 125 दिनों के रोज़गार की गारंटी होगी, पहले 100 दिन के रोजगार की गारंटी थी. साथ ही विधवा, एकल महिला को कम से कम 1000 रुपए हर महीने पेंशन भी दी जाएगी. सरकार ने इस योजना के लिए बजट में अलग 2500 करोड़ रुपए रखे हैं

रॉय ने बताया कि 96 लाख सामाजिक सुरक्षा पेंशनर, लगभग 70 लाख परिवार राजस्थान ग्रामीण रोज़गार गारंटी कानून से लाभान्वित होंगे और लगभग 15 परिवार शहरी रोज़गार गारंटी कानून से लाभान्वित होंगे. ये कानून राज्य के लगभग 2.5 करोड़ लोगों को प्रभावित करेंगे, इसलिए प्रतिनिधिमंडल ने राज्य के राज्यपाल कलराज मिश्र से जल्द हस्ताक्षर करने का निवेदन निवेदन किया.

उन्होंने यह भी बताया कि राज्यपाल कलराज मिश्र ने हमारी मांगों को संवेदनशीलता से सुना. उन्होंने आश्वासन देते हुए कहा कि वो जल्द न्यूनतम आय गारंटी एवं राजस्थान प्लेटफार्म बेस्ड गिग वर्कर्स( पंजीकरण एवं कल्याण ) कानून पर उचित कार्यवाही करेंगे.

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