Rajasthan News: राजस्थान के बारां नगर परिषद क्षेत्र में बुधवार देर रात कलेक्टर ने धारा-144 लागू कर दी. इसके साथ ही पुलिस बल को चप्पे-चप्पे पर तैनात रहने के निर्देश दिए गए. कलेक्टर ने ये आदेश नरेश मीणा (Naresh Meena) को जमानत मिलने के बाद दिया है. बुधवार को उन्होंने अपने समर्थकों के साथ मिलकर राजस्थान के खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया (Pramod Jain Bhaya) के घर का घेराव करने की कोशिश की थी.
पुलिस ने समर्थकों को रास्ते में रोका
कांग्रेस नेता नरेश मीणा को सचिन पायलट का समर्थक माना जाता है. नरेश राजस्थान यूनिवर्सिटी के पूर्व महासचिव भी रह चुके हैं. उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही मीणा समाज का बारां जिला कलेक्ट्रेट पर धरना जारी था. लेकिन बुधवार को नरेश मीणा जेल से बाहर आ गए. एडीजे कोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए अटरू जेल से रिहा कर दिया. जेल से निकलते ही नरेश मीणा अपने कुछ समर्थकों के साथ बारां जिला कलेक्ट्रेट पर पहुंचे और वहां धरना दे रहे अपने समर्थकों को संबोधित किया. इसी दौरान समर्थकों ने स्थानीय मंत्री और राजस्थान के खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया के घर का घेराव करने के लिए कुच किया. हालांकि पुलिस ने बीच रास्ते से ही नरेश मीणा और उनके समर्थकों को रोककर दूसरे रास्ते पर मोड़ दिया. नरेश मीणा ऐसा दोबारा भी कर सकते हैं, इसी शंका के चलते बारां कलेक्टर ने सुरक्षा के लिहाज से पूरे शहर में धारा-144 लागू कर दी है.
क्यों गिरफ्तार हुए थे नरेश मीणा?
जुलाई महीने में मोठपुर थाना क्षेत्र के कालातालाब में कांग्रेसी नेता दिनेश झारखंड पर प्राणघातक हमला हुआ था, जिसके बाद अगस्त में उसकी मौत हो गई थी. इस हत्याकांड को लेकर मीणा समाज और अन्य वर्ग सड़क पर आ गया था. नरेश मीणा का इसमें नेतृत्व था. आरोप है कि उसने यात्री बस को आग के हवाले कर दिया था. इसी मामले को लेकर सड़क जाम और बस को फूंकने के मामले में बारां पुलिस ने नरेश मीणा को गिरफ्तार किया था. शुक्रवार को नरेश मीणा, मोनू मीणा, सूरज मीणा मोठपुर थाने पर पहुंचे थे, जहां 3 घंटे की पूछताछ के बाद पुलिस ने नरेश मीणा को अटरू कोर्ट में पेश किया था. नरेश मीणा को भादस की धारा 143, 283, 435, 353, 427 में दर्ज मामलों में न्यायालय ने 27 सितंबर तक जेल अभिरक्षा रिमांड पर रखने के निर्देश दिए थे. लेकिन 20 सितंबर को एडीजे कोर्ट से नरेश को जमानत मिल गई.