
Rajasthan News: राजस्थान में आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए आरोग्य मेला-2025 का भव्य शुभारंभ शनिवार को हुआ. शिल्पग्राम जवाहर कला केंद्र में राज्य स्तरीय आरोग्य मेला चार दिनों तक चलेगा. मेले का उद्घाटन करते हुए डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि आयुर्वेद भारतीय जीवनशैली का आधार है और महर्षि चरक ने इसे सिद्ध किया है कि यह चिकित्सा पद्धति न केवल रोगों का उपचार करती है बल्कि संपूर्ण स्वास्थ्य को बढ़ावा देती है. हमारी डबल इंजन सरकार आधुनिक विज्ञान और नवाचार से जोड़कर आयुर्वेद को नई दिशा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है.
'आयुर्वेद रोगों को जड़ से खत्म करने में सहायक'
उपमुख्यमंत्री बैरवा ने आगे कहा कि आयुर्वेद केंद्रों के विस्तार से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर व्यक्ति को उचित चिकित्सा सेवा मिले. राजस्थान में औषधीय पादपों की उपलब्धता के चलते राज्य इनका निर्यात कर रहा है, जिससे प्रदेश आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा का एक प्रमुख केंद्र बन रहा है. आयुर्वेद वहां शुरू होता है जहां आधुनिक चिकित्सा समाप्त होती है. यह चिकित्सा पद्धति रोगों को जड़ से समाप्त करने में सहायक है और इसका वैश्विक स्तर पर प्रचार-प्रसार हो रहा है.
आज जयपुर में राजस्थान सरकार के आयुष विभाग की ओर से आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्धा एवं होम्योपैथी चिकित्सा पद्धतियों पर आधारित "आरोग्यम्" राज्य स्तरीय आरोग्य मेले को संबोधित किया।
— Dr Prem Chand Bairwa (@DrPremBairwa) March 1, 2025
इस अवसर पर सभी को हमारी सरकार द्वारा आयुष चिकित्सा पद्धतियों के विस्तार,… pic.twitter.com/LyVnG9aFXZ
उन्होंने राजस्थान को केवल वीरता की भूमि ही नहीं, बल्कि आरोग्य की जन्मभूमि भी बताया. डिप्टी सीएम ने आगे कहा कि यह चार दिवसीय आरोग्य मेला एक बेहतरीन मंच है. जहां पर लोग फ्री में परामर्श ले सकते हैं और आयुर्वेद व अन्य चिकित्सा पद्धतियों के बारे में गहन जानकारी हासिल कर सकते हैं. कार्यक्रम में सांसद मंजू शर्मा ने कहा कि “पहला सुख निरोगी काया” को साकार करने के लिए योग और आयुर्वेद को आमजन तक पहुँचाने के लिए सभी को प्रयास करने होंगे.
मेले में आयुर्वेदिक उत्पादों की प्रदर्शनी
समारोह के अंत में किसानों के लिए एक विशेष पुस्तक का विमोचन किया गया, जिसमें औषधीय पादपों की विस्तृत जानकारी दी गई है जिससे किसान आयुर्वेदिक खेती को अपनाकर आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें. चार दिवसीय इस मेले में आयुर्वेद, योग, होम्योपैथी, यूनानी और प्राकृतिक चिकित्सा पद्धतियों के विशेषज्ञ उपस्थित रहेंगे और निःशुल्क परामर्श एवं उपचार प्रदान करेंगे. मेले में आने वाले लोगों के लिए योग सत्र, आयुर्वेदिक उत्पादों की प्रदर्शनी और औषधीय पौधों की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी.
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