Rajasthan News: राजस्थान के डीडवाना जिले से गुरुवार को एक मामला सामने आया था. जिसमें जिले में सिंवा गांव के उपस्वास्थ्य केंद्र की ANM ने एक महिला की प्रसव पीड़ा के दौरान अपना गेट नहीं खोला था. वह महिला कड़ाके की ठंड में तड़पती रही थी, लेकिन एएनएम ने हॉस्पिटल का गेट तक नहीं खोला. अब इस मामले को प्रशासन ने गंभीरता से लिया है और जिला कलेक्टर पुखराज सैन के निर्देश पर CMHO ने कार्रवाई करते हुए महिला ANM को निलंबित कर दिया है.
ANM को किया गया निलंबित
सीएमएचओ डॉक्टर अनिल जुनदिया के मुताबिक इस मामले में विभागीय जांच की गई थी, जिसमें सिंवा की एएनएम परमजीत कौर को कार्य के प्रति उदासीनता और लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया है. इस मामले में जिला कलेक्टर पुखराज सैन ने ANM को निलंबित करने के आदेश दिए थे, जिस पर कार्रवाई करते हुए एएनएम को निलंबित कर दिया गया है.
महिला के होती रही ब्लीडिंग तब भी नहीं खोला गेट
दरअसल जिले के सिंवा गांव में स्थित उप स्वास्थ्य केंद्र पर बुधवार रात को घुमंतू जाति की एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल लाया गया तो वहां कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी परमजीत कौर ने महिला का प्रसव करवाने से मना कर दिया.
इसके बाद स्वास्थ्य केंद्र के बाहर ही महिला की डिलीवरी हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया. इस दौरान कड़ाके की सर्दी में प्रसूता दर्द से तड़पती रही. वहीं महिला के परिजनों ने लकड़ी से बच्चे की नाल काटी थी. लेकिन डिलीवरी के बाद महिला की लगातार ब्लीडिंग होने लगी.
लाडनूं अस्पताल में भी डॉक्टरों ने की खानापूर्ति
इसके बावजूद एएनएम ने अस्पताल का दरवाजा नहीं खोला. घटना की सूचना पर ग्रामीण एकत्रित हो गए और उन्होंने मौके पर एंबुलेंस को बुलवाया. जिसके माध्यम से प्रसूता और उसके बच्चे को लाडनू के अस्पताल भेजा गया. मगर लाडनूं अस्पताल के डॉक्टरों ने भी मात्र खानापूर्ति कर दी और महिला को उपचार देने की बजाय उसे डीडवाना जिला अस्पताल रेफर कर दिया. तड़के 4:30 बजे परिजन प्रसूता को लेकर डीडवाना के बांगड़ जिला अस्पताल पहुंचे. जहां उसे भर्ती कर उपचार दिया गया.
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