
Rajasthan: पीकेसी-ईआरसीपी (रामजल सेतु परियोजना) का तेजी से आगे बढ़ता दिख रहा है. दिल्ली में जल शक्ति मंत्रालय की सचिव देबाश्री मुखर्जी की अध्यक्षता में बैठक हुई. इसमें राजस्थान में जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार भी शामिल थे. केंद्रीय मंत्रालय ने आवश्यक संशोधन कर 15 दिन के भीतर ही डीपीआर पेश करने को कहा है. डीपीआर बनाने का काम दोनों राज्य और राष्ट्रीय जल विकास अभिकरण कर रहे हैं. इस परियोजना के तहत प्रदेश के 3.25 करोड़ लोगों को पेयजल मिलेगा और 4.03 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी. राजस्थान को 4102 एमसीएम पानी देने के लिए 15 दिन में डीपीआर बनेगी.
17 दिसंबर को हुआ था परियोजना का शिलान्यास
पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम भजनलाल शर्मा द्वारा 17 दिसंबर 2024 को परियोजना का शिलान्यास किया गया था. प्रोजेक्ट से झालावाड़, कोटा, बूंदी, टोंक, सवाई माधोपुर, दौसा, करौली, धौलपुर, भरतपुर, डीग, अलवर, खैरथल-तिजारा, अजमेर, कोटपूतली बहरोड़, बारां, जयपुर, अजमेर, ब्यावर जिलों को फायदा होगा. प्रोजेक्ट से पेयजल के लिए 1744, उद्योगों को 205.75, नए सिंचाई क्षेत्र को 1159.38, बांधों से सिंचाई को 615.43, भूजल पुनर्भरण के लिए 108 और पानी स्टोरेज के लिए 270 एमसीएम पानी मिलेगा.
पानी की चुनौती का स्थाई समाधान निकालने का प्रयास- सीएम भजनलाल शर्मा
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जानकारी दी कि पीकेसी पर हमारी सरकार तेजी से काम कर रही है. इससे राजस्थान के 17 जिलों में पेयजल और सिंचाई की समस्या दूर हो जाएगी. यह राजस्थान में पानी की चुनौती का स्थायी समाधान निकालने का एक बड़ा प्रयास है.
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