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Dusshera 2025: राजस्थान में दशहरे पर इस बार यहां जलेगा 215 फीट और 12 टन का रावण, रिमोट से किया जाएगा दहन

Rajasthan News: राजस्थान में दशहरा का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. ऐसे में इस बार प्रदेश की शिक्षा नगरी में इसका भव्य आयोजन कर रहा जिसका मुख्य आकर्षण इसमें चलने वाले पुतले होंगे.

Dusshera 2025:  राजस्थान में दशहरे पर इस बार यहां जलेगा 215 फीट और 12 टन का रावण, रिमोट से किया जाएगा दहन
कोटा का रावण

Ravana efiggy in kota: कोचिंग सिटी कोटा का राष्ट्रीय दशहरा मेला पूरे देश में अपनी अलग पहचान रखता है. इसे आकर्षक बनाने के लिए कोटा नगर निगम हर साल कुछ न कुछ नया करता रहा है.इसी क्रम में इस साल यहां बन रहा रावण का पुतला भी रिकॉर्ड बनाएगा. दशहरा पर इस बार यहां 215 फीट का सबसे ऊंचा रावण का पुतला बनाया जा रहा है.

25 फीट का है  सिर

 हरियाणा के अंबाला के तेजेंद्र चौहान पिछले 4 महीने से रावण परिवार के पुतले बनाने में जुटे हैं. चौहान बताते हैं कि रावण के पुतले को बनाने में 9500 किलो लोहे का इस्तेमाल हो रहा है. रावण का धड़ लोहे के ढांचे पर बनाया गया है.इस रावण के पुतले की खासियत यह है कि इसका सिर 25 फीट का है, बाकी 9 सिर 3 x 6 फीट के हैं. इसका चेहरा 300 किलो वजनी है और यह फाइबर से बना है. इस बार मूंछें घनी, लंबी और ऊपर की ओर मुड़ी हुई दिखाई देंगी. रावण का मुकुट 60 फीट ऊंचा होगा, जिसे 4 चरणों में बनाया गया है। बहुरंगी एलईडी लाइटें लगाई जा रही हैं. तलवार 50 फीट लंबी और जूते 40 फीट लंबे हैं.

क्रेन की मदद से खड़े होंगे पुतले

इतने बड़े रावण का पुतला को खड़ा करने की परेशानी से बचने के लिए  25 फीट चौड़ा और 6 फीट गहरा पक्का फाउंडेशन तैयार किया जा रहा है, जिस पर पुतले को टिकाया जाएगा. इस काम के लिए 2 क्रेन और एक जेसीबी के साथ करीब 100 मजदूर  को लगाया जाएगा जो सिर्फ 3 घंटे में पुतले को खड़ा कर देंगे.

रिमोट कंट्रोल से किया जाएगा रावण दहन 

इस बार रावण दहन रिमोट कंट्रोल से किया जाएगा. पुतले में 20 अलग-अलग जगहों पर रिमोट सेंसर लगाए गए हैं, जिन्हें बटन दबाते ही पटाखे और आतिशबाजी शुरू हो जाएगी. सबसे पहले छत्र जलेगा, फिर मुकुट के चार हिस्से एक-एक करके जलेंगे. मुकुट को आकर्षक बनाने के लिए मल्टीकलर एलईडी लाइट्स का भी इस्तेमाल किया गया है.

इस बार रावण के पुतले में कोई हलचल (मूवमेंट) नहीं होगी, जैसे पहले तलवार घूमना या आंखें झपकना होता था. पुतले की जगह भी बदल दी गई है. यह विजयश्री रंगमंच के बजाय किशोरपुरा थाने के सामने स्थापित होगा और इसका मुख कोटा थर्मल पावर प्लांट की ओर होगा. इस पुतले को बेहद खास बनाने के लिए 25 कारीगर दो महीनों से काम कर रहे थे. अकेले रावण का चेहरा बनाने में ही एक महीने का समय लगा है.

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