
Rajasthan News: बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ तहसील के रिड़ी गांव में सरकारी अस्पताल में इन दिनों मरीजों का इलाज टॉर्च की रोशनी में करना पड़ रहा है. इसकी वजह है बिजली विभाग द्वारा बिल नहीं भरे जाने का कारण बता कर अस्पताल का कनेक्शन काट देना. जबकि अस्पताल ने फरवरी-2025 तक का बिल भी प्रस्तुत कर दिया है. इस मुद्दे को लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश पैदा हो गया और ग्रामीणों ने अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर बिजली विभाग की इस कार्रवाई का विरोध किया. उनका कहना है कि विभाग ने बकाया बिल का हवाला देते हुए अस्पताल की बिजली काट दी, जिससे मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
बिना नोटिस दिए काटा कनेक्शन
अब हाल ये है कि बिजली विभाग की इस कार्रवाई की वजह से अस्पताल में टॉर्च और मोबाइल की रोशनी में इलाज करना पड़ रहा है. अस्पताल में उपचार के लिए आए मरीजों और उनके परिजनों को बहुत परेशानी हो रही है. ग्रामीणों का आरोप है कि बिजली विभाग ने बिना किसी पूर्व सूचना के अस्पताल का कनेक्शन काट दिया, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है.
आमने सामने हुए दो सरकारी विभाग
इस मामले में सरकार के ही दो विभाग एक-दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं. बिजली विभाग का कहना है कि अस्पताल पर 85,000 रुपये का बकाया बिल था, जिसके चलते अभियान के तहत कनेक्शन काटा गया है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग ने बिजली विभाग की इस कार्रवाई को गलत बताया है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अस्पताल का फरवरी 2025 तक का बिजली बिल जमा किया जा चुका है और विभाग के पास इसकी पूरी रसीदें मौजूद हैं. उनका कहना है कि बिजली विभाग ने बिना उचित जांच-पड़ताल किए अस्पताल की बिजली काट दी.
जल्द बिजली बहाल करने की मांग
इस घटना के बाद ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है. उनका कहना है कि बिजली विभाग ने अस्पताल जैसी अहम सेवा को भी नहीं बख्शता, जबकि रसूखदारों पर कोई कार्रवाई नहीं होती. उनका आरोप है कि बिजली विभाग केवल गरीबों और सरकारी संस्थानों पर ही कार्रवाई करता है, जबकि बड़े बकायादारों को छोड़ दिया जाता है. प्रदर्शनकारियों ने सरकार से मांग की है कि जल्द से जल्द अस्पताल की बिजली बहाल की जाए.
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