प्रदेश में प्रवर्तन निदेशालय (Directorate of Enforcement- ED) की ओर से लगातार एक के बाद एक बड़ी कार्रवाई जारी है. बीते दिनों योजना भवन स्थित सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग (डीओआईटी) के कार्यालय में मिले ढाई करोड रुपए व सोने की ईंट के मामले में अब ईडी ने एक नया खुलासा किया है.
कार्यालय की आलमीरा में छिपा रखा था सोना
ईडी ने डीओआईटी में टेंडर वाली फर्मों के जयपुर स्थित 12 ठिकानों पर छापे मारे. इनसे जुड़ी एक फर्म पर ईडी ने 5.3 किलो सोना बरामद किया है. ईडी ने 20 मई को डीओआईटी कार्यालय में 2.31 करोड़ व 1 किलो सोना बरामद किया था. जो संयुक्त निदेशक वेद प्रकाश यादव ने अपने ही कार्यालय की आलमीरा में छुपा रखा था. इसे वे लॉकर के रूप में इस्तेमाल करते थे.
पूछताछ में बताए नजदीकियों के नाम
गिरफ्तारी के बाद वेद प्रकाश यादव के जयपुर स्थित मुरलीपुरा और यूपी के आजमगढ़ स्थित दो ठिकानों पर छापा मारा गया. चार दिन के रिमांड के दौरान पूछताछ में वेद प्रकाश यादव ने अपने नजदीकी लोगों के नाम बताए फिर इसी के तहत ईडी ने आगे कार्रवाई की.
मालूम हो कि केंद्र की ‘जल जीवन मिशन' योजना के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं से संबंधित धन शोधन के एक मामले में राजस्थान के कई शहरों में छापेमारी की गई. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा बीते दिनों जारी बयान में कहा गया कि छापेमारी एक सितंबर को राज्य की राजधानी जयपुर, अलवर, नीमराणा, बहरोड़ और शाहपुरा में स्थित विभिन्न परिसरों पर की गई थी.
गौरतलब है धन शोधन का मामला राजस्थान भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की प्राथमिकी से सामने आया है, जिसमें श्री श्याम ट्यूबवेल कंपनी के मालिक पदमचंद जैन, श्री गणपति ट्यूबवेल कंपनी के मालिक महेश मित्तल और अन्य लोगों पर अवैध संरक्षण पाने, निविदाएं प्राप्त करने, बिल स्वीकृत कराने और सार्वजनिक स्वास्थ्य एवं इंजीनियरिंग विभाग (पीएचईडी) से प्राप्त विभिन्न निविदाओं के संबंध में उनके द्वारा किए गए कार्य की बाबत अनियमितताओं को छिपाने के लिए लोक सेवकों को ‘रिश्वत देने' के आरोप हैं.
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