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राजस्थान में पहली बार जेजे एक्ट में हो रहे हैं मुक़दमे दर्ज, ड्रग्स माफियाओं के लिए ऑपरेशन गरुड़ व्यूह बना रहा है ख़ौफ़

ऑपरेशन गरुड़ व्यूह के तहत सबसे पहले अवैध मादक पदार्थ की बिक्री पर रोक के लिए लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही हैं, इस साल अब तक 197 करवाई कोटा शहर पुलिस की ओर से की गई है और करीब इतने ही तस्करों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है.

राजस्थान में पहली बार जेजे एक्ट में हो रहे हैं मुक़दमे दर्ज, ड्रग्स माफियाओं के लिए ऑपरेशन गरुड़ व्यूह बना रहा है ख़ौफ़
कोटा शहर की एसपी तेजस्विनी गौतम

Kota News: देश भर में कोचिंग सिटी के नाम से मशहूर कोटा में अब नशे के सौदागरों पर पुलिस ऐसा शिकंजा कस रही है कि राजस्थान में कारवाइयों की चर्चा हो रही है, क्योंकि कोटा पुलिस नशे के सौदागरों के खिलाफ ऑपरेशन गरुड़ के तहत न सिर्फ नशे के सौदागरों को सलाखों के पीछे डाल रही है. बल्कि पहली बार राजस्थान में अवैध मादक पदार्थ बेचने वालों के खिलाफ जेजे एक्ट में भी मुकदमे दर्ज किया जा रहे हैं.  

कोटा राजस्थान का वो शहर है जहां पर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए देशभर से स्टूडेंटस अपना भविष्य संवारने की उम्मीद के साथ आते हैं. देशभर से कोटा आने वाले विद्यार्थियों प्रतियोगी परीक्षा का तनाव भी रहता है, ऐसे में कई बार नशे के सौदागर उनको अपना टारगेट बनाते हैं और कई बार तनाव में स्टूडेंट्स नशे के सौदागरों का टारगेट भी बन जाते हैं, लेकिन अब कोटा पुलिस ने कोटा से नशे के सौदागरों का सफाया करने का जो अभियान चलाया है. अभियान ने नशे का अवैध कारोबार करने वालों को ख़ौफ़ज़दा कर दिया है. 

ऐसे होती है अभियान की शुरुआत 

अभियान की शुरुआत से ही डिजिटल तकनीक के साथ हेल्पलाइन नंबर जो सूचना देने वाले का नाम गुमनाम रखता है, उस नंबर ने कोटा शहर के लोगों की जागरूकता को भी बखूबी जाहिर किया है. यही वजह है कि कोटा पुलिस के पास हर रोज हेल्पलाइन नंबर पर पिन पॉइंट सूचनाओं आ रही है और पुलिस तुरंत कार्रवाई कर नशे की खेप के साथ इस अवैध कारोबार से जुड़े तस्करों पर शिकंजा कस रही है. कोटा शहर की एसपी तेजस्विनी गौतम खुद ही अभियान की मॉनीटरिंग कर अपनी टीम के साथ मौके पर भी पहुंच रही है सोशल मीडिया के साथ पुलिस की टीम आमजन को जागरूक कर इस अभियान से जोड़कर नशे के सौदागरों का सफाई करने में जुटी है.

कोटा को नशा मुक्त बनाने और ड्रग माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के ऑपरेशन गरुड़ व्यूह जिसके तहत ड्रग माफिया के खिलाफ न सिर्फ कार्रवाई की जा रही है, बल्कि नशे के सौदागरों को वो सज़ा देने का इरादा पुलिस का है कि वो अवैध कारोबार से वो हमेशा के लिए तोबा कर लेंगे. ऑपरेशन गरुड़ व्यूह के तहत नशे पर आक्रामक प्रहार किया जा रहा है, कोटा पुलिस ने इसके लिए विशेष टीमों का गठन कर रखा है.

जेजे एक्ट में भी मुकदमे दर्ज किया जा रहे हैं

ऑपरेशन गरुड़ व्यूह के तहत राजस्थान में पहली बार पुलिस जेजे एक्ट में भी मुकदमे दर्ज कर रही है यानी तस्करी के लिए तस्करों ने किसी बच्चे का इस्तेमाल किया या नाबालिगों को नशीला पदार्थ बेचा तो उन तस्करों के खिलाफ नारकोटिक्स की धाराओं के साथ-साथ जेजे एक्ट में भी मुकदमे दर्ज किया जा रहे हैं. कोटा पुलिस ने करीब 15 मुकदमे जेजे एक्ट में भी दर्ज किए हैं और तस्करों पर कानूनी शिकंजा मजबूत किया है.

इस साल अब तक 197 करवाई की गईं 

ऑपरेशन गरुड़ व्यूह के तहत सबसे पहले अवैध मादक पदार्थ की बिक्री पर रोक के लिए लगातार ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है, इस साल की बात करें तो अब तक 197 करवाई कोटा शहर पुलिस की ओर से की गई है और करीब इतने ही तस्करों को सलाखों के पीछे डाल दिया गया है. पिछले साल कोटा पुलिस ने 156 कार्रवाइयों की थी इस साल की जा रही लगातार कार्रवाई में बढ़ोतरी हो रही है अवैध मादक पदार्थ और नारकोटिक्स एक्ट में कार्रवाई में 28% की बढ़ोतरी हुई है वही करीब 11 करोड़ का अवैध मादक पदार्थ कोटा पुलिस इस साल अब तक बरामद कर चुकी है, पुलिस का साफ संकेत है कि अवैध मादक पदार्थ की बिक्री पर पूरी तरह से अंकुश लगाना है.

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