
BITS Pilani: झुंझुनूं के बिट्स पिलानी में 72 घंटे का नॉन स्टॉप टेक फेस्टिवल अपोजी के 43वें संस्करण का बीती रात समारोहपूर्वक शुभारंभ हुआ. पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) ने अपोजी—2025 का शुभारंभ किया. इस मौके पर रंजन गोगोई ने अपने संबोधन में गोगोई ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि विज्ञान और तकनीक के बल पर हम सैटेलाइट से संचार स्थापित करने में सक्षम हो गए हैं. लेकिन आपस में संवाद करने के लिए समय नहीं निकाल पा रहे हैं. इस दौरान विद्यार्थियों से रूबरू होते हुए कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं और वे हमें प्रेरणा भी देते हैं.
हम कहां गलत कर रहे हैं, ये बच्चे ही बताते हैं- गोगोई
उन्होंने कहा, "अगले जीवन में बिट्स से इंजीनियरिंग करना चाहूंगा. बिट्स एक ऐसा इंस्टीट्यूट है, जहां हर कोई आना चाहता है." मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हमारी पीढी कहां गलत कर रही है, यह भी हमें बच्चे ही बताते हैं. इसलिए बच्चों को सुनना चाहिए और उनसे प्रेरणा भी लेनी चाहिए. इस मौके पर उन्होंने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि बिट्स पिलानी ऐसा इंस्टीट्यूट है, जहां हर कोई आना चाहता है. वे भी चाहते है कि अगले जीवन में यहां आए और यहां से इंजीनियरिंग करें. लेकिन यह भी सच है कि तब तक तकनीक काफी आगे बढ़ जाएगी.
झुंझुनूं जाने की इच्छा भी की जाहिर, लेकिन समय का रहा अभाव
उन्होंने वकालत और इंजीनियर में समानता के सवाल पर कहा कि सभी एक-दूसरे से कनेक्ट है. ऐसा नहीं है कि यदि मैं इंजीनियर हूं तो कुछ बनाऊंगा ही या फिर मैं एक वकील हूं तो सिर्फ कोर्ट ही जाऊंगा. एक वकील को कोर्ट में तकनीक की आवश्यकता होती है तो एक इंजीनियर को मानवीय दृष्टिकोण, मूल्य और सिद्धांतों की आवश्यकता अपनी तकनीक में होती है. इसलिए हम सब एक—दूसरे के समन्वय से ही आगे बढ़ सकते हैं. पूर्व सीएजेआई ने कहा कि झुंझुनूं जाने की इच्छा भी जाहिर की. लेकिन समय के अभाव के चलते नहीं जा पाए.