उदयपुर सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने 20 नवंबर को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर मांग की थी कि राजस्थान के आयुष्मान कार्ड धारकों को गुजरात में भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिलनी चाहिए. सांसद ने पत्र में बताया था कि उनके लोकसभा क्षेत्र के कई लोगों से शिकायतें मिल रही थीं कि गुजरात में योजना के तहत राजस्थान के आयुष्मान कार्ड धारकों को मुफ्त इलाज नहीं मिल रहा है.
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस प्रस्ताव को 12 दिसंबर को मंजूरी दे दी. इसके बाद राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना में आउटबाउंड पोर्टेबिलिटी लागू करने का निर्णय लिया है. इसके तहत 15 दिसंबर से राजस्थान के मरीज गुजरात में आयुष्मान कार्ड के जरिए कैशलेस इलाज करवा सकेंगे.
गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को बड़ा फायदा मिलेगा
इस फैसले से विशेष रूप से कैंसर, किडनी और हार्ट डिजीज जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को बड़ा फायदा मिलेगा. अब तक गुजरात में इलाज के दौरान मरीजों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था, लेकिन योजना लागू होने के बाद यह समस्या दूर हो जाएगी. मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के तहत पंजीकृत लोगों को 25 लाख रुपये तक का कवरेज दिया जाता है.
निजी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी
दक्षिण राजस्थान के बड़ी संख्या में लोग बेहतर चिकित्सा सुविधाओं के लिए गुजरात के अस्पतालों पर निर्भर रहते हैं. अब राजस्थान आयुष्मान योजना और आयुष्मान वय वंदना कार्ड धारकों को गुजरात के निजी अस्पतालों में भी मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी.
राजस्थान में मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना के में 1.36 करोड़ परिवार पंजीकृत हैं. योजना के तहत प्रदेश में हर रोज औसतन 8200 मरीजों को करीब 9.42 करोड़ रुपये की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. गुजरात में इलाज के लिए मरीजों को किसी अलग रजिस्ट्रेशन की आवश्यकता नहीं होगी.