राजस्थान के जालोर ज़िले में पैसों के लिए एक ग्रेनाइट व्यापारी के बेटे ने अपनी ही अपहरण की झूठी साज़िश रची. व्यापारी रतन लोहार के बेटे राजेंद्र ने अपने पिता को धमकी भरा ख़त भी भेजा और 6 लाख रुपये की फिरौती मांगी. वो जालोर पुलिस को 3 दिन तक लगातार घुमाता रहा. आखिरकार जालोर पुलिस की 7 टीमें 100 से ज्यादा सीसीटीवी कैमरे खंगालकर गुरुवार को मामले की तह तक पहुंचीं. उन्होंने रणकपुर के रास्ते में व्यापारी के बेटे को झाड़ियों में दबोच लिया जहाँ वो आराम कर रहा था.
फिरौती में ग्रेनाइट स्टोन में चमक लाने का फॉर्मूला और 6 लाख कैश की मांग
जालोर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रामेश्वरलाल ने बताया कि कोतवाली थाना इलाके में रहने वाले ग्रेनाइट व्यापारी रतन लोहार का 25 साल का बेटा राजेंद्र सोमवार को गायब हो गया था. इसके बाद रतन लोहार के पास शाम 5.30 के करीब धमकी भरे मैसेज आए. इनमें लिखा था कि बेटे को जिंदा देखना चाहते हो तो 6 लाख कैश और ग्रेनाइट पत्थर में चमक लाने के लिए बनाई जाने वाली बट्टी का फॉर्मूला लेकर बताए हुए पते पर आ जाओ. इसके बाद रतन लोहार ने थाने में अपहरण और फिरौती का केस दर्ज कराया.
अपहरण की झूठी कहानी
- 17 जून को रतन लोहार का बेटा राजेंद्र लापता हुआ
- शाम को फिरौती के लिए आए मैसेज
- 6 लाख रुपये और ग्रेनाइट चमकाने का फॉर्मूला मांगा
- पिता ने पुलिस में रिपोर्ट लिखवाई
- 3 दिन तक तलाश करती रही पुलिस
- 20 जून को रणकपुर के रास्ते में झाड़ियों में आराम करता मिला राजेंद्र
पुलिस की 7 टीमों ने पता लगाया
पुलिस ने इसके बाद तलाश शुरू की और तीन दिनों की जाँच के बाद ये पता चला कि व्यापारी के बेटे ने खुद ही अपने अपहरण की झूठी कहानी रची थी. जांच के दौरान जैसे-जैसे राजेंद्र की लोकेशन मिली, उस क्षेत्र में पुलिस की टीमों ने तकनीकी सहायता लेकर उसे ढूंढने की कोशिश की.
आईफ़ोन की वजह से आसानी से नहीं मिल रही थी लोकेशन
अभय कमांड व साइबर टीमें भी लगातार उसे ट्रैस कर रही थीं. राजेंद्र के पास आईफोन था इसलिए उसकी लोकेशन आसानी से पता नहीं चल पा रही थी. पुलिस को जहां भी सीसीटीवी फुटेज में राजेंद्र नजर आया, वह अकेला था. ऐसे में पुलिस को शक हुआ कि उसने किडनैप की झूठी कहानी रची है.
पिता को फिरौती के लिए दो मैसेज भेजे
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने बताया कि राजेंद्र सोमवार को अपने घर से दोपहर को भोजन कर ग्रेनाइट फैक्ट्री जाने के लिए निकला था. वह अपने घर थर्ड फेज से धवला होते हुए नारायणावास गया. वहां से बरलूट होते हुए सिरोही पहुंच गया. पुलिस को वह सिरोही के गोयली चौराहे पर कैमरे में दिखा. उसने अपना मुंह रुमाल से ढंक रखा था.
इसी जगह से उसने सोमवार शाम फिरौती का पहला मैसेज किया. इसके बाद वह जालोर की ओर लौटा. उसने बुडतरा नदी के आसपास से दूसरा मैसेज किया. यहीं उसके पिता रतन लोहार पुलिस के साथ फिरौती की रकम सहित पहुंचे.
मंगलवार को फिरौती की रकम लेकर पहुंचे थे पिता, पर डील रद्द कर दी
राजेंद्र ने कार का इंडिकेटर चालू रखकर लोकेशन (छिपाड़वारा-हरजी के बीच) पर आने की धमकी दी थी. लेकिन मंगलवार को कई गाड़ियां देख उसने डील रद्द कर दी. इसके बाद फोन बंद कर दिया.
बुधवार दोपहर उसने अपना फोन कुछ देर के लिए खोला. इस दौरान उसकी लोकेशन समदड़ी के पास जाणियाणा गांव के नजदीक मिली. गुरुवार को राजेंद्र ने कई बार फोन ऑन किए. दोपहर को फोन ऑन किया तो नेतरा लोकेशन मिली.
झाड़ियों में कर रहा था आराम जब पुलिस ने पकड़ा
इसके बाद जालोर और आहोर थानाधिकारी और डीएसटी प्रभारी उस क्षेत्र में पहुंच गए. फिर उसकी लोकेशन रानी-खीमेल के आसपास मिली. इसके बाद पाली पुलिस की मदद से उसे गुरुवार शाम 4:15 बजे रणकपुर के रास्ते में पकड़ लिया गया. वह सड़क से कुछ दूर झाड़ियों में आराम कर रहा था.