
Rajasthan: पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर जिले के लाठी क्षेत्र के केरालिया गांव में एक दूल्हे ने दहेज प्रथा को रोकने के लिए एक अनूठी मिसाल पेश की. दूल्हे ने शादी के दौरान टीका रस्म में मिले 5 लाख 51 हजार रुपए लेने से इंकार कर दिया. लेकिन, परंपरा को निभाने के किए दूल्हे और उसके पिता ने टीका रस्म के रूप में एक रुपया और नारियल लेकर शादी कर एक सराहनीय पहल की.
शगुन में मात्र 1 रुपया लिया
यह मामला लाठी क्षेत्र के केरालिया गांव में देखने को मिला. दूल्हे पक्ष ने दुल्हन पक्ष से टीके में दिए 5 लाख 51 हज़ार रुपए वापस लौटाए तो दुल्हन के पिता भावुक हो गए. दूल्हे के पिता ने शगुन के रूप में महज 1 रुपया और नारियल लिया. यह नजारा देखकर सभी चकित रह गए. यह शादी गांव में ही नहीं, आसपास के क्षेत्रों में भी चर्चा का विषय बन गई.
दूल्हे ने दहेज लेने से किया इंंकार
पाली जिले के कंटालिया गांव के परमवीरसिंह कुमावत की शादी 14 फरवरी को लाठी क्षेत्र केरालिया गांव निवासी जेठूसिंह भाटी की बेटी नितिका कंवर से हुई. यहां दूल्हे परमवीरसिंह कुमावत ने कहा कि उन्हें दहेज नहीं चाहिए. सभी ने इस पहल की प्रशंसा की. कंटालिया गांव से परमवीर सिंह कुमावत की बारात केरालिया गांव आई थी. यहां टीके की रस्म के लिए 5 लाख 51 हजार रुपए भेंट किए. लेकिन, राजपूत समाज में दहेज प्रथा को रोकने का संदेश देने के लिए टीके की रस्म को वापस लौटा दिया.
परंपरा को आगे बढ़ाने का काम करेंगे
दूल्हे के पिता ईश्वर सिंह कुमावत ने बताया कि आधुनिक भारत मे जहां लड़कियां देश, समाज और परिवार का प्रतिनिधित्व कर रही है, वहां शादी समारोह में भी केवल नारियल लेकर शादी की परंपरा निभाकर उन्हें सम्मान देने की आवश्यकता है. लड़की के पिता जेठूसिंह ने कहा कि ऐसे फैसलों से संभवतः किसी भी पिता को लड़की बोझ नहीं लगेगी. इस तरह के फैसले समाज की नई दिशा तय करेगी. उन्होंने कहा कि वह भी इस अनूठी पहल को परंपरा के रूप आगे बढ़ाने का काम करेंगे.
यह भी पढ़ें: खाजूवाला में बायोमास फैक्ट्री में लगी भयानक आग, लोगों का आरोप- बुझाने के लिए कम पड़े संसाधन